देवा गुर्जर की हत्या के बाद जलने लगा Kota, हर ओर बवाल, आगजनी, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, परिजन ने शव लेने से किया इनकार

कोटा। रावतभाटा (Rawatbhata) के हिस्ट्रीशीटर देवा गुर्जर की हत्या (Deva Gurjar murder) के बाद राजस्थान में बवाल शुरू हो गया है। देर रात तक कोटा मोर्चरी में हजारों की संख्या में गुर्जर समाज (Gurjar community) के लोग जुटते रहे और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग उठती रही। रात बीतते-बीतते मंगलवार को कोटा में बवाल शुरू हो गया। पूरा कोटा जलने लगा। गुस्साई भीड़ ने आगजनी और तोड़फोड़ शुरू कर दी। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठियां भांजी। इस बवाल में कई पुलिसवाले व प्रदर्शनकारी घायल हैं। कोटा में बवाल जारी है। उधर, परिजन ने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी तक देवा गुर्जर की लाश को लेने से इनकार कर दिया है। शव मोर्चरी में पड़ी है। प्रशासन को कानून-व्यवस्था संभालने में मशक्कत करनी पड़ रही है।

पुलिस कर रही है शांति बनाए रखने की अपील

देवा गुर्जर के परिजन शव को ले जाने से इनकार करने के बाद पूरे राजस्थान में बवाल की आशंका जताई जा रही है। शव कोटा जिले के राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है। शव को उठाने से परिजनों ने यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि जब तक पुलिस सभी हत्यारों को गिरफ्तार नहीं करेगी वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। परिजन के इस फैसले से अब पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया है। आला अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए हैं।

गुर्जर समाज में अच्छी पैठ थी देवा की

देवा गुर्जर की अपने गुर्जर समाज में भी अच्छी पैठ थी। उसकी दबंगई को समाज का भी खूब प्रश्रय मिला हुआ था। इस समाज के युवा अच्छी खासी संख्या में उससे जुड़े हुए थे। बेहतरीन कद काठी वाले देवा गुर्जर को तमाम युवा अपना आदर्श मानते थे।

सोमवार की शाम कोटा बैरियर के पास डेढ़ दर्जन हमलावरों ने कर दी थी हत्या

रावतभाटा (Rawatbhata) क्षेत्र में एक हिस्ट्रीशीटर की हथियारबंद बदमाशों ने सोमवार को हत्या कर दी थी। सोमवार की शाम को कोटा के बैरियर गणेश मंदिर (Kota Ganesh mandir barrier) के पास सैलून में करीब डेढ़ दर्जन हथियार बंद लोग पहुंचे और वहां मौजूद हिस्ट्रीशीटर को मौत के घाट उतार दिया। हिस्ट्रीशीटर पर गोलियां बरसाने के साथ हथियारबंद लोगों ने लाठी-गड़ासे, फरसे और रॉड से भी बुरी तरह पिटाई कर मार डाला। वारदात को अंजाम देने के बाद हत्यारे फरार हो गए। उधर, हिस्ट्रीशीटर को लोकल लोगों की सहायता से अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से कोटा के एक निजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।