Maha Kumbh Stampede: ये तस्वीरें भगदड़ के कुछ घंटों बाद दिन में ली गईं. ज़ूम-इन की गई तस्वीर में सैकड़ों नावें संगम किनारे लंगर डाले खड़ी दिखाई दे रही हैं. ये नावें श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के लिए ‘त्रिवेणी संगम’ तक ले जाती हैं.
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में बुधवार को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान (Amavasya snan) के मौके पर मची भगदड़ में 30 लोगों की जान जा चुकी है. भगदड़ में घायल हुए 60 लोगों का इलाज चल रहा है. मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी संगम पर कितनी भीड़ थी, इसकी सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. NDTV को मिली ये सैटेलाइट तस्वीरें भगदड़ के बाद की हैं. सैटेलाइट इमेजेस से पता चलता है कि प्रयागराज में हजारों श्रद्धालु अमृत स्नान करने के लिए गंगा, यमुना और रहस्यमयी सरस्वती नदी के संगम यानी त्रिवेणी तट के करीब थे. हालांकि, भगदड़ के बाद अमृत स्नान को काफी देर के लिए रोक दिया गया था.
इनमें से एक सैटेलाइट तस्वीर में ‘संगम नोज’ दिखाई दे रहा है, जो यमुना, गंगा और सरस्वती का संगम स्थल है. सैटेलाइट इमेजेस में हजारों श्रद्धालुओं को अमृत स्नान के लिए लाइन में खड़े होकर अपने बारी का इंतजार करते देखा जा सकता है. संगम तट से कुछ मीटर की दूरी पर एक घेरा बनाया गया है, जो नावों से घिरा हुआ है. यहां श्रद्धालु पवित्र स्नान करते हैं.
ये तस्वीरें भगदड़ के कुछ घंटों बाद दिन में ली गईं. ज़ूम-इन की गई तस्वीर में सैकड़ों नावें संगम किनारे लंगर डाले खड़ी दिखाई दे रही हैं. ये नावें श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के लिए ‘त्रिवेणी संगम’ तक ले जाती हैं.
आमतौर पर मेला क्षेत्र से एक किलोमीटर दूर बने टेंट सिटी में ही श्रद्धालुओं को ठहरने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन ये सैटेलाइट तस्वीरें दिखाती हैं कि कैसे भीड़ ‘संगम नोज’ की ओर बढ़ रही है. तस्वीरों में संगम के आसपास सैकड़ों नावों को भी देखा जा सकता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार की आधी रात करीब 1 बजे लोगों ने संगम तट पर आगे आने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए. कुछ लोग कूदकर आगे आने की कोशिश कर रहे थे. इस धक्का-मुक्की में कई लोग गिर पड़े. जो लोग जमीन पर लेटे या बैठे हुए थे, कुछ लोग उनपर जा गिरे. इससे अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हुई, जो बाद में भदगड़ में बदल गई.
4,000 हेक्टेयर में बनी है टेंट सिटी
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने संगम के पास अस्थायी इंतजाम किया है. संगम किनारे 4,000 हेक्टेयर (9,990 एकड़) में टेंट सिटी के नाम से एक अस्थायी शहर बस गया है. ये टेंट सिटी 7,500 फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर है. इसमें 150,000 टेंट और समान संख्या में अस्थायी टॉयलेट बनाए गए हैं.
टेंट सिटी में 69000 LED और सोलर लाइटें लगाई गई हैं. करीब 15 हजार कर्मचारियों को यहां की साफ-सफाई के काम के लिए लगाया गया है.
इस अस्थायी शहर की ज़ूम-इन इमेज में क्रॉस-सेक्शन पर हजारों लोग दिखाई दे रहे हैं. ये टेंट नदी के किनारे बनाए गए हैं. साथ ही लोगों और गाड़ियों की आवाजाही के लिए कई छोटे पुल भी बनाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मौनी अमावस्या पर बुधवार को 57.1 मिलियन से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई. वहीं, महीने भर की आध्यात्मिक तपस्या करने वाले कल्पवासियों की संख्या 1 मिलियन से पार हो गई है.
एक सैटेलाइट इमेज में पूरे मेला क्षेत्र का बर्ड आई व्यू देखने को मिलता है. इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि कैसे संगम के दोनों तटों को जोड़ने के लिए एक रेलवे पुल का निर्माण किया जा रहा है. भक्तों के लिए इसके दाईं ओर एक वॉकओवर पुल दिखाया गया है. नदी के किनारों को जोड़ने के लिए कम से कम 10 पोंटून पुल बनाए गए हैं.
महाकुंभ में बुधवार हुई भगदड़ की घटना के बाद मेला प्रशासन ने कई बदलाव किए हैं. सभी VIP एंट्री बंद है. VIP पास कैंसिल कर दिए गए हैं. मेला क्षेत्र के आसपास सभी तरह के गाड़ियों की एंट्री रोक दी गई है. बुधवार की सैटेलाइट इमेजेस में देखा जा सकता है कि टेंट सिटी में सैकड़ों गाड़ियां पार्किंग में लगी हैं.
भगदड़ की घटना के बाद महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू किया है. भीड़ कम करने के लिए पड़ोसी जिलों से प्रयागराज आने वाली गाड़ियों को बॉर्डर पर भी रोका जा रहा है. व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में फोर व्हीलर की एंट्री पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है.
इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना के न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. उन्हों इसके लिए 3 सदस्यीय आयोग का गठन किया है.
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