January 6, 2025
Exclusive: महाराष्ट्र चुनाव के दौरान क्यों हुआ करोड़ों का लेनदेन? ऑपरेशन रियल कुबेर से हुआ खुलासा

Exclusive: महाराष्ट्र चुनाव के दौरान क्यों हुआ करोड़ों का लेनदेन? ऑपरेशन रियल कुबेर से हुआ खुलासा​

कैसे बेरोजगार नौजवानों के नाम पर सैकड़ों बैंक खाते खोले गए, महाराष्ट्र चुनाव के दौरान करोड़ों का लेनदेन हुआ और पैसे विदेशों तक गए, इसका सारा कच्चा चिट्ठा अब खुल गया है.महाराष्ट्र के मालेगांव से मनी लांड्रिंग का एक ऐसा रैकेट चल रहा था जिसमें बेरोजगार युवकों के नाम पर खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल हो रहा था. आशंका है कि इन खातों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के लिए हो रहा था.

कैसे बेरोजगार नौजवानों के नाम पर सैकड़ों बैंक खाते खोले गए, महाराष्ट्र चुनाव के दौरान करोड़ों का लेनदेन हुआ और पैसे विदेशों तक गए, इसका सारा कच्चा चिट्ठा अब खुल गया है.महाराष्ट्र के मालेगांव से मनी लांड्रिंग का एक ऐसा रैकेट चल रहा था जिसमें बेरोजगार युवकों के नाम पर खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल हो रहा था. आशंका है कि इन खातों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के लिए हो रहा था.

कैसे बेरोजगार नौजवानों के नाम पर सैकड़ों बैंक खाते खोले गए, महाराष्ट्र चुनाव के दौरान करोड़ों का लेनदेन हुआ और पैसे विदेशों तक गए, इसका सारा कच्चा चिट्ठा अब खुल गया है.महाराष्ट्र के मालेगांव से मनी लांड्रिंग का एक ऐसा रैकेट चल रहा था जिसमें बेरोजगार युवकों के नाम पर खोले गए बैंक खातों का इस्तेमाल हो रहा था. आशंका है कि इन खातों का इस्तेमाल टेरर फंडिंग और चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के लिए हो रहा था.

भारत के कई राज्यों में इस रैकेट का जाल फैला हुआ था और अब तक की जांच में 300 करोड़ रुपये से ऊपर के गैरकानूनी लेनदेन का पर्दाफाश हुआ है. ईडी ने इस मामले की जांच ‘ऑपरेशन रियल कुबेर’ के तहत शुरू कर दी है. अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

बीजेपी नेता किरीट सौमेया से मिलने आए मालेगांव के कुछ युवाओं की नींद उड़ी हुई है. एक तो ये बेरोजगारी के मारे हैं उस पर अब इन्हें गिरफ्तारी का भी डर सता रहा है. मालेगांव में सिराज मेमन नाम के एक शख्स ने इन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर इनसे आधार कार्ड और पहचान से जुड़े दूसरे कागजात हासिल किए और फिर इनके नाम से बैंक खाते खुलवा लिए. जब ये पता चला कि सिराज उन खातों का इस्तेमाल गैरकानूनी लेनदेन के लिए करता था तो इनके होश उड़ गए.

मालेगांव में आरोपी सिराज गिरफ्तार

इन्हीं में से एक युवा की शिकायत पर मालेगांव पुलिस ने सिराज के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया और सिराज गिरफ्तार हो गया. सिराज मालेगांव का एक कारोबारी था जो कि कोल्ड ड्रिंक और चाय के डिस्ट्रिब्यूशन की एजेंसी चलाता था.

मालेगांव पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी अपनी जांच शुरू की. ईडी की जांच ने जब रफ्तार पकड़ी तो ये बात सामने आई कि ये मामला सिर्फ मालेगांव तक सीमित नहीं है. इस रैकेट का जाल देश के कई राज्यों में फैला हुआ है. युवाओं के बैंक खाते से अंतरराष्ट्रीय आर्थिक लेन देन भी हुआ है.

कुल 255 संदिग्ध खातों से 379 करोड़ का लेनदेन

ईडी की जांच में पता चला कि रैकेट के सदस्यों ने बेरोजगार युवाओं के दस्तावेजों के आधार पर कुल 255 संदिग्ध खाते खोले.इन खातों को सितंबर और अक्टूबर 2024 में खोला गया. ज्यादातर खाते नासिक मर्चेंट कॉपरेटिव बैंक, बैंक औफ महाराष्ट्र और कुछ दूसरे निजी और सरकारी बैंकों में खोले गए.

इन खातों से 379 करोड़ रुपये का लेनदेन 6 से 10 नवंबर के बीच महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले किया गया. इन खातों से 2500 बार लेनदेन महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अलग अलग बैंकों की 170 शाखाओं में किया गया. इन खातों से दुबई भी पैसा भेजे जाने का संदेह है.

ईडी ने 23 ठिकानों पर छापेमारी की

मामले की जांच के लिए ईडी ने महाराष्ट्र के मालेगांव, मुंबई और नासिक के अलावा गुजरात के सूरत और अहमदाबाद में कुल 23 ठिकानों पर छापेमारी की. जानकारों के मुताबिक जिस तरह से ऐन विधानसभा चुनावों के पहले इन खातों से पैसों का बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ है उससे इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी करने की कोई साजिश रही होगी.

बीजेपी नेता किरीट सौमेया, जो कि अक्सर आर्थिक घोटालों को उजागर करते आए हैं, भी इस मामले की जांच पर नजर बनाए हुए हैं. सोमैया के मुताबिक इन बैंक खातों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों को संचालित करने, चुनावी प्रक्रिया में गड़बड़ी करने और रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुस्पैठियों की मदद के लिए किया जा रहा था.

हालांकि किरीट सौमेया कई आरोप लगा रहे हैं लेकिन ईडी की तरफ से इनकी तस्दीक नहीं की गई है. अब तक न तो किसी आतंकी संगठन का नाम आया है और न ही इस रैकेट में शामिल होने के आरोप में किसी राजनेता को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. हो सकता है कि आने वाले दिनों में ईडी की जांच आगे बढ़ने पर कुछ चौंकाने वाले नाम सामने आएं.

क्या यह ‘वोट जिहाद’ का मामला?

इस रैकेट का मास्टरमाइंड मेहमूद बागड नाम का शख्स बताया जाता है जो कि फिलहाल ईडी की पकड़ से बाहर है. अब तक इस मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

बीजेपी की नजर में यह पूरा मामला वोट जिहाद का है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राज्य में वोट जिहाद की बात कही थी. बीजेपी की नजर में उसी वोट जिहाद पर से अब पर्दा हट रहा है.

NDTV India – Latest

Copyright © asianownews.com | Newsever by AF themes.