F&O ट्रेडिंग पर SEBI की चौंकाने वाली रिपोर्ट: बीते 3 साल में 93% ट्रेडर को नुकसान, निवेशकों को दी ये सलाह​

 SEBI Report on Stock Market: सेबी की रिपोर्ट के अनुसार, जहां व्यक्तियों को फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में नुकसान हुआ, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और वित्तीय संस्थानों ने लाभ कमाया.

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने बीते दिन एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि अगर आप शेयर बाजार के जानकार नहीं हैं तो स्टॉक मार्केट में सावधानी से निवेश करें. इस रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष 2023-24 में निजी निवेशकों को फ्यूचर एंड ऑप्शंस (Futures and Options (F&O) में 91 प्रतिशत यानी 73 लाख  को नुकसान हुआ है. इन कारोबारियों को औसतन 1.2 लाख प्रति व्यक्ति का शुद्ध घाटा हुआ. इसके अलावा, फ्यूचर एंड ऑप्शंस से जुड़े एक करोड़ से अधिक व्यक्तिगत कारोबारियों में से 93 प्रतिशत को तीन साल यानी वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्रति कारोबारी औसतन लगभग दो लाख रुपये (लेन-देन लागत सहित) का नुकसान हुआ. यानी 10 में से 9 निजी निवेशक घाटे में रहे हैं .

कारोबारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक

इस अवधि के दौरान ऐसे कारोबारियों का कुल घाटा 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा. वित्त वर्ष 2023-24 में ही कारोबारियों को कुल मिलाकर लगभग 75,000 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ.

इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस में इंडिविजुअल ट्रेडिंग से बचने की सलाह

सेबी की सलाह है कि इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस में इंडिविजुअल ट्रेडिंग से बचें. इस रिपोर्ट को चेतावनी की तरह लें. दरअसल इन दिनों शेयर बाजार में जो उछाल दिख रहा है उनमें छोटे और खुदरा निवेशकों की बड़ी भूमिका है. इनके बूते आईपीओ फल फूल रहे हैं और यही लोग ज्यादा मुनाफे की उम्मीद में इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस में पैसे लग रहे हैं.

सिर्फ 7.2% व्यक्तिगत कारोबारियों ने तीन साल में कमाया लाभ

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अध्ययन में पाया गया कि घाटा उठाने वाले शीर्ष 3.5 प्रतिशत लगभग चार लाख कारोबिारियों को लेनदेन लागत सहित उसी अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति औसतन 28 लाख रुपये का नुकसान हुआ. दूसरी ओर, केवल 7.2 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों ने तीन साल की अवधि में लाभ कमाया और केवल एक प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारी लेनदेन लागत के समायोजन के बाद एक लाख रुपये से अधिक मुनाफा कमाने में कामयाब रहे.

खुदरा निवेशकों की संख्या दो साल में लगभग दोगुनी हुई

इसके अलावा, खुदरा काराबारियों या व्यक्तिगत कारोबारियों की संख्या दो साल में लगभग दोगुनी होकर वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 96 लाख हो गई जो 2021-22 में करीब 51 लाख थी.हालांकि, ऐसे निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में कुल कारोबार में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान दिया. 

सेबी ने कहा, ‘‘अच्छे कारोबारी प्लेटफॉर्म की उपलब्धता और कम लेनदेन लागत ने खुदरा निवेशकों को फ्यूचर एंड ऑप्शंस कंट्रैक्ट में सक्रिय रूप से कारोबार करने में मदद की है. इससे बाजार में लिक्विडिटी में वृद्धि हुई है. रेगुलेटर ने कहा कि एफ एंड ओ सेगमेंट में गतिविधियों में तेजी से वृद्धि ने निवेशक शिक्षा और जोखिम प्रबंधन गतिविधियों की जरूरत को बताया है, क्योंकि खुदरा कारोबारियों का एक बड़ा हिस्सा बाजार में नुकसान उठा रहा है.”

इससे पहले सेबी ने जनवरी, 2023 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसमें पाया गया कि इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस  सेगमेंट में 89 प्रतिशत व्यक्तिगत कारोबारियों ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपना पैसा गंवाया.

शेयर और इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस में बढ़ी निवेशकों की भागीदारी

शेयर और इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शंस बाजारों में व्यक्तिगत निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के साथ, सेबी ने यह अध्ययन किया है. इसका मकसद वित्त वर्ष 2021-22 और 2023-24 के दौरान फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में व्यक्तिगत कारोबारियों के लाभ और नुकसान की स्थिति का आकलन करना था. साथ ही सभी श्रेणी के निवेशकों के लिए 2023-24 के दौरान फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में प्रॉफिट और लॉस की स्थिति का विश्लेषण करना था.

FPI और वित्तीय संस्थानों ने फ्यूचर एंड ऑप्शंस में कमाया लाभ

रिपोर्ट के अनुसार, जहां व्यक्तियों को फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में नुकसान हुआ, वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और वित्तीय संस्थानों ने लाभ कमाया. वित्तीय इकाइयों ने वित्त वर्ष 2023-24 में फ्यूचर एंड ऑप्शंस  में लगभग 33,000 करोड़ रुपये का सकल मुनाफा कमाया. उसके बाद एफपीआई का स्थान रहा जिसने लगभग 28,000 करोड़ रुपये का सकल मुनाफा कमाया.

इसके विपरीत, व्यक्तियों और अन्य लोगों को वित्त वर्ष 2023-24 में (लेन-देन लागत के हिसाब से पहले) 61,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.

वित्त वर्ष 2023-24 में युवा कारोबारियों की भागीदारी बढ़कर 43%

आबादी के हिसाब से युवा कारोबारियों (30 वर्ष से कम आयु) की भागीदारी वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 43 प्रतिशत हो गयी जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 31 प्रतिशत थी. इनमें से लगभग 93 प्रतिशत युवा कारोबारियों को वित्त वर्ष 2023-24 मेंफ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में में घाटा हुआ.

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