अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि पायलट परियोजना के दौरान कहा कि भारत के कई पेशेवरों को बिना अमेरिका छोड़े अपने वीजा को रिन्यू करने का अवसर मिला.
अमेरिका में कार्यरत अन्य देशों के पेशेवरों के लिए एक अच्छी खबर है. वे अब अपने एच-1बी वीजा को अमेरिका छोड़े बिना रिन्यू कर सकेंगे. इससे लाखों भारतीय पेशेवरों को लाभ होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. एक साल पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने इस प्रक्रिया का परीक्षण करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसमें लगभग 20,000 योग्य प्रतिभागियों को शामिल किया गया था.
पहले आवेदकों को भारी खर्च करना पड़ता था
यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा और अब एच-1बी वीजा के नवीनीकरण के लिए आवेदकों को अपने देश वापस जाने की आवश्यकता नहीं होगी. यह उन पेशेवरों की लंबे समय से बनी हुई चिंता का समाधान है, जिनमें अधिकांश भारतीय हैं. पहले इस प्रक्रिया में आवेदकों को अपनी यात्रा के लिए भारी खर्च करना पड़ता था. साथ ही वीजा अपॉइंटमेंट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, जिससे समय की बर्बादी और देरी होती थी.
अमेरिकी विदेश विभाग ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि पायलट परियोजना के दौरान कहा कि भारत के कई पेशेवरों को बिना अमेरिका छोड़े अपने वीजा को रिन्यू करने का अवसर मिला. इस पायलट कार्यक्रम ने हजारों आवेदकों के लिए नवीनीकरण प्रक्रिया को सरल बना दिया. अब विदेश विभाग 2025 में एक औपचारिक यूएस-आधारित नवीनीकरण कार्यक्रम स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है. हालांकि, इस नई प्रक्रिया की शुरुआत इस साल की पुष्टि हो चुकी है. लेकिन इसका आधिकारिक तारीख अभी तक घोषित नहीं किया गया है.
एलन मस्क भी इस कार्यक्रम के पक्षधर
यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है, जब एच-1बी वीजा और इसके अमेरिकी नागरिकों पर प्रभाव को लेकर बहस चल रही है. कट्टर दक्षिणपंथी समूहों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से आग्रह किया है कि वे इस कार्यक्रम को समाप्त करें, यह तर्क देते हुए कि एच-1बी वीजा धारक अमेरिकी नौकरियों को छीन लेते हैं और “पश्चिमी सभ्यता के लिए खतरा बन सकते हैं. वहीं, ट्रम्प और उनके समर्थक, जैसे एलन मस्क और विवेक रामास्वामी, इस कार्यक्रम के पक्षधर हैं, उनका कहना है कि अमेरिका को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं की जरूरत है. और एच-1बी वीजा से अमेरिका को वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिलती है.
भारत, जो एच-1बी वीजा धारकों की सूची में शीर्ष पर है, ज्यादातर टेक इंडस्ट्री में काम करने वाले पेशेवरों से भरा हुआ है। 2022 में अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 3,20,000 एच-1बी वीजा आवेदनों में से 77 प्रतिशत भारतीयों को मिले थे। 2023 में, 3,86,000 वीजा आवेदनों में से 72 प्रतिशत से अधिक भारतीय नागरिकों को जारी किए गए।
2024 में 3,31,000 छात्र वीजा के साथ, भारतीय अब संयुक्त राज्य अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में सबसे बड़ी संख्या में हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने यह भी बताया कि पिछले चार वर्षों में भारत से आने वाले आगंतुकों की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई हैय 2024 के पहले ग्यारह महीनों में, दो मिलियन से अधिक भारतीयों ने संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की, जो 2023 की इसी अवधि से 26 प्रतिशत अधिक है.
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