अमेरिका में यूएस टेक वर्कर्स समूह (US Tech Workers Group) ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के खिलाफ खुलकर लिख रहा है और इसपर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है. यूएस टेक वर्कर्स रोजगार के लिए चलाए जाने वाले वीजा प्रोग्राम के खिलाफ अमेरिकियों का एक प्लेटफॉर्म है.
अमेरिका में हर साल दुनियाभर से करीब 10 लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए पढ़ने आते हैं. उनका उद्देश्य ये ही होता है की वे अमेरिका से पढ़ाई करके वहीं पर काम करना शुरू कर दें जिसके लिए आमतौर पर वो H1B वीजा का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही अमेरिका आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम(Optional Practical Training) जिसे ओपीटी भी कहा जाता काफी लोकप्रिय है और इसका लाभ पाने वालों में सबसे बड़ा नाम भारतीयों का है. लेकिन ट्रंप के समर्थक अमेरिका की दो नीतियों का जमकर विरोध कर रहे हैं जिसमें OPT भी शामिल है. अब सवाल है कि डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक क्यों इस नीति का विरोध कर रहे हैं और इस प्रोग्राम के बंद होने से अमेरिका में पढ़ने या काम करने जा रहे भारतीयों पर क्या असर पड़ेगा?
सबसे पहले जानते हैं आखिर ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग है क्या?
OPT एक ऐसा प्रोग्राम है जिसकी मदद से अंतरराष्ट्रीय छात्र अस्थायी तौर पर अमेरिका में रहकर काम कर सकते हैं. ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग एक ऐसा प्रोग्राम है जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को पढ़ाई के बाद एक सीमित समय के लिए काम सीखने का मौका देता है. ओपीटी प्रोग्राम एफ-1 वीजा(F-1 Visa) पर विदेशी छात्रों को अमेरिका में तीन साल तक काम करने की अनुमति देता है, अगर उनके पास एसटीईएम डिग्री (STEM Degree) है। बहुत ही सरल भाषा में समझें तो यह प्रोग्राम छात्रों को कम समय के लिए रोजगार मुहैया करवाता है.
इस नीति का अमेरिका में विरोध क्यों हो रहा है?
अमेरिका में यूएस टेक वर्कर्स समूह (US Tech Workers Group) ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम के खिलाफ खुलकर लिख रहा है और इसपर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है. यूएस टेक वर्कर्स रोजगार के लिए चलाए जाने वाले वीजा प्रोग्राम के खिलाफ अमेरिकियों का एक प्लेटफॉर्म है. यूएस टेक वर्कर्स समूह ने इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए X पर लिखा कहा ‘ओपीटी कार्यक्रम विदेशी छात्रों के लिए इंटर्नशिप के रूप में छिपी एक अतिथि कार्यकर्ता योजना है, विश्वविद्यालय शिक्षा के बजाय वर्क परमिट बेच रहे हैं. अमेरिका के अंदर डोनाल्ड ट्रंप को ऐसे प्रोग्राम को बंद कर देने चाहिए’. जिसके पीछे मंश ये ही की ज्यादा से ज्यादा अमेरिकी लोगों को नौकरी में प्राथमिकता मिले.
बंद होने पर भारतीयों को कैसे नुकसान?
अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान में ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ का नारा दिया था. ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति का असर कुछ ही दिनों में दिखाई देने लगेगा, क्योंकि वह बार-बार कह चुके हैं कि अमेरिकी नौकरियों पर पहला अधिकार अमेरिका के लोगों का है. अगर यह प्रोग्राम ट्रंप ने बैन कर दिया तो लाखों भारतीयों पर प्रभाव पड़ सकता है. भारत में अमेरिकी दूतावास के मुताबिक साल 2023-24 में 3.31 लाख भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए आए. इन छात्रों में से 29.42% यानी 97 हजार 556 छात्र ऐसे हैं, जिन्होंने ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम को चुना है. इससे साफ पता चलता है कि ओपीटी का असर भारतीयों पर कितना पड़ेगा. तो ये देखना होगी की अमेरिका की नई सरकार भारतीय छात्रों के लिए पढ़ने और काम करने की राह आसान करती है या और मुश्किल.
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