ICU new guidelines for Hospitals: हॉस्पीटल्स के लिए आईसीयू की नई गाइडलाइन जारी की गई है। अब कोई भी हास्पिटल किसी भी क्रिटिकल मरीज को परिजन की इच्छा के विपरीत आईसीयू में भर्ती नहीं कर सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईसीयू में एंट्री पर नई गाइडलाइन में कहा है कि अस्पताल गंभीर रूप से बीमार मरीजों को उनके और उनके रिश्तेदारों द्वारा इनकार करने की स्थिति में आईसीयू में भर्ती नहीं कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की है गाइडनाइन…
- गाइडलाइन के अनुसार, यदि किसी बीमारी में या असाध्य रूप से बीमार मरीज में कोई उपचार संभव नहीं या आगे उपचार उपलब्ध नहीं तो उसे परिजन के मना करने के बाद भी आईसीयू में नहीं रख सकते।
- यदि आईसीयू में रखने से जीवित रहने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है तो उसे आईसीयू में रखना व्यर्थ है।
बिना परिजन की सहमति के किसी भी मरीज को आईसीयू में नहीं रखा जाएगा। - महामारी या आपदा की स्थिति में, जहां संसाधन की कमी है, कम प्राथमिकता वाले मानदंडों वाले एक मरीज को आईसीयू में रखने के लिए ध्यान में रखा जाना चाहिए।
- किसी मरीज को आईसीयू में भर्ती करने का मानदंड अंग की विफलता और आर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत, हेल्थ में गिरावट की आशंका पर आधारित होना चाहिए।
- मरीज के लगातार होश खोने, हेमोडायनामिक अस्थिरता, सांस लेने के लिए आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता, गंभीर रोगों में मॉनिटरिंग, आर्गन फेल्योर की आशंका सहित अन्य स्थितियों में आईसीयू में भर्ती किया जाएगा।
- जिन मरीजों ने हृदय या श्वसन अस्थिरता जैसी किसी बड़ी इंट्राऑपरेटिव जटिलता का अनुभव किया है या जिनकी बड़ी सर्जरी हुई है, वे भी मानदंडों में शामिल हैं।
- गाइडलाइन के अनुसार, आईसीयू बिस्तर की प्रतीक्षा कर रहे रोगी में ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, ब्रेथ रेट, ब्रीदिंग पैटर्न, हार्टरेट, ऑक्सीजन कंसेंट्रेशन, यूरिन प्रोडक्शन और न्यूरोलॉजिकल स्थिति सहित अन्य मापदंडों की निगरानी की जानी चाहिए।
More Stories
Today Big News: महाराष्ट्र में महायुति की दमदार वापसी, झारखंड में खिलता दिख रहा कमल? किस ओर इशारा करते Exit poll
दिल्ली की आबोहवा में घुला जहर हुआ कम, जानें किस इलाके में कितना सुधरा AQI
NDA या महागठबंधन? महाराष्ट्र और झारखंड में कौन आएगा, जानें क्या कहते हैं Exit Poll के नतीजे