श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के विधानसभा क्षेत्रों के लिए नए परिसीमन (New Delimitation report) की रिपोर्ट बन चुकी है। यहां के लिए बने परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) ने जम्मू (Jammu) में छह (6) और कश्मीर घाटी (Kashmir valley) में एक (1) सीट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। परिसीमन आयोग के नए प्रस्ताव के बाद जम्मू में 43 सीटें और कश्मीर में 47 सीटें हो जाएंगी। आयोग की सिफारिशों के अनुसार अनुसूचित जाति (SC) के लिए 7 और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 9 सीटें आरक्षित की गई है। आयोग ने पीओके (PoK) के लिए भी 24 सीटें आरक्षित की है। आयोग के रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा (Jammu-Kashmir Assembly) में 83 सीटों की जगह पर 90 सीटें हो जाएंगी।
परिसीमन आयोग ने मांगी रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 90 सीटें करने संबंधी प्रस्ताव है। आयोग ने नए परिसीमन, सीटों को बढ़ाए जाने सहित अन्य किसी भी प्रस्ताव पर सुझाव मांगे हैं। कोई भी 31 दिसंबर 2021 तक अपने सुझाव या आपत्ति दे सकता है। जम्मू-कश्मीर में पहली बार अनुसूचित जाति (SC) को चुनावी आरक्षण दिया जाएगा।
दो दशक से अधिक समय के बाद परिसीमन
जम्मू-कश्मीर में पहला पूर्ण परिसीमन 1981 में हुआ था। इसके पहले जम्मू और कश्मीर में 1951 में 100 सीटें थीं। इनमें 25 सीटें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में थीं।
हालांकि, 1981 में बने परिसीमन आयोग ने 14 साल बाद 1995 में अपनी रिपोर्ट भेजी थी। ये 1981 की जनगणना के आधार पर थी। लेकिन इसके बाद कोई परिसीमन नहीं हुआ। 2020 में परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) का गठन किया गया। आयोग को 2011 की जनगणना (Census 2011) के आधार पर परिसीमन का आदेश दिया गया था।
विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के पहले यह थी स्थिति
जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 की वजह से विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था। अनुच्छेद 370 निरस्त होने से पहले राज्य में विधानसभा की 87 सीटें थीं। इनमें जम्मू क्षेत्र में विधानसभा की 37 सीटें थीं तो कश्मीर घाटी में 46 और लद्दाख में 4 सीटें आती थीं। लद्दाख अब अलग हो चुका है। नए परिसीमन में जम्मू और कश्मीर घाटी दोनों क्षेत्रों में सीटों के आंकड़े बदल जाएंगे।
पीडीपी सहित कई दलों को परिसीमन प्रक्रिया पर आपत्ति
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग की सिफारिशों की कई राजनीतिक दलों ने आपत्ति दर्ज कराई है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि राज्य में जनगणना की पूरी तरह से अनदेखी की गई है। एक इलाके के लिए 6 सीटों और कश्मीर के लिए केवल एक सीट का प्रस्ताव देकर लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश है।
जबकि पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने ट्वीट करके कहा कि आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से अमान्य हैं और ये पूर्वाग्रह से ग्रस्त हैं।
More Stories
दिल्ली में प्रदूषण से कारोबार पर चोट, 25% से ज्यादा व्यापार घटने की आशंका
Explainer : AI कितना खतरनाक? क्या इंसान की बनाई मशीन उसी पर हो सकती हावी
बिहार: शराब पीकर स्कूल पहुंच गए हेड मास्टर और टीचर, गांववालों ने किया पुलिस के हवाले