निजी दूरसंचार कंपनियों के ग्राहकों की संख्या में गिरावट का कारण कंपनियों द्वारा 2024 के मध्य में की गई टैरिफ वृद्धि (Tariff Hike impact) को माना जा रहा है, जो कि जुलाई में लागू हुई थी.
देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के सब्सक्राइबर्स की संख्या चार महीनों में 1.65 करोड़ कम हो गई है.रिलायंस जियो के अक्टूबर में 37.6 लाख मोबाइल ग्राहक घट गए हैं. वहीं, सितंबर 2024 में 79 लाख, अगस्त 2024 में 40 लाख और जुलाई 2024 में 7.58 लाख से अधिक मोबाइल सब्सक्राइबर्स कम हुए थे.भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार, भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल ने सितंबर में 14.3 लाख से अधिक ग्राहक खोने के बाद अक्टूबर में लगभग 24 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं.
एयरटेल के अगस्त 2024 में 24 लाख और जुलाई 2024 में 16 लाख सब्सक्राइबर्स घटे थे.वोडाफोन आइडिया के अक्टूबर में 19 लाख से अधिक मोबाइल ग्राहक कम हुए हैं, जबकि सितंबर में 15.5 लाख की गिरावट आई थी.
टैरिफ बढ़ाने के कारण ग्राहकों की संख्या में गिरावट
निजी दूरसंचार कंपनियों के ग्राहकों की संख्या में गिरावट का कारण कंपनियों द्वारा 2024 के मध्य में की गई टैरिफ वृद्धि (Tariff Hike impact) को माना जा रहा है, जो कि जुलाई में लागू हुई थी.
BSNL के सब्सक्राइबर्स की संख्या में लगातार इजाफा
सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के सब्सक्राइबर्स की संख्या में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. अक्टूबर में बीएसएनएल ने पांच लाख सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं.बीते चार महीने में बीएसएनएल ने 68 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स जोड़े हैं.
अक्टूबर के आंकड़ों के अनुसार, रिलायंस जियो के पास 47.48 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं.वहीं, भारती एयरटेल के पास 28.7 करोड़, वोडाफोन आइडिया के पास 12.5 करोड़ और बीएसएनएल के पास 3.6 करोड़ ग्राहक हैं.
रिलायंस जियो कुल बाजार हिस्सेदारी में टॉप पर
कुल बाजार हिस्सेदारी में रिलायंस जियो 39.99 प्रतिशत के साथ टॉप पर है, उसके बाद भारती एयरटेल 33.50 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है.वोडाफोन आइडिया और बीएसएनएल के पास क्रमशः 18.30 प्रतिशत और 8.05 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है.
अक्टूबर के अंत में कुल वायरलेस ग्राहकों की संख्या 115 करोड़ थी, जिसमें 0.29 प्रतिशत की मामूली मासिक गिरावट दर्ज की गई थी. वायरलाइन ग्राहकों की संख्या सितंबर के अंत में 3.6 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर के अंत में 3.7 करोड़ हो गई है.निजी कंपनियों के पास 31 अक्टूबर तक वायरलेस ग्राहकों का 91.78 प्रतिशत हिस्सा था, जबकि बीएसएनएल और एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी केवल 8.22 प्रतिशत थी.
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