लद्दाख में चुशूल माल्डो और दौलत बेग ओल्डी, अरुणाचल प्रदेश में बंछा (किबुतु के पास) और बुमला और सिक्किम में नाथुला में मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया है. दीवाली के मौके पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मिठाइयों का ये आदान-प्रदान सैन्य और कूटनीतिक दोनों लिहाज से एक बड़ी जीत मानी जा रही है.
दीवाली के अवसर पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया. पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी के एक दिन बाद दोनों देश के सैनिकों के बीच दीवाली के मौके पर मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ है. बता दें भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग पर सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है.
सैनिकों की वापसी हुई, जल्द शुरू होगी गश्त
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्टूबर को रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर हुई मुलाकात में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध वाले शेष स्थानों से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर भारत-चीन में बनी सहमति का स्वागत किया था. दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय वार्ता तंत्र को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए थे.
वहीं आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तवांग में सरदार वल्लभभाई पटेल की एक प्रतिमा का अनावरण किया और मेजर रालेंगनाओ ‘बॉब’ खटिंग वीरता संग्रहालय का उद्घाटन करते हुए कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर कुछ क्षेत्रों में विवादों का समाधान करने के लिए भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य, दोनों ही स्थर पर बातचीत होती रही है.
रक्षा मंत्री ने कहा कि अभी हाल की बातचीत के बाद, जमीनी हालात को रिस्टोर करने के लिए, आपस में व्यापक सहमति हुई है. यह सहमति, समानता और पारस्परिक सुरक्षा के आधार पर विकसित हुई है. जो सहमति बनी है, उसके अंतर्गत पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और ग्रेजिंग का अधिकार भी शामिल है.
रिश्तों को बेहतर करने में मिलेगी मदद
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कल उम्मीद जताई थी कि पूर्वी लद्दाख से लगती भारत-चीन सीमा से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी पूरी होने से रिश्तों को बेहतर करने और आने वाले दिनों में दोनों पड़ोसियों के बीच बेहतर समझ बनाने में मदद मिलेगी. चीनी राजनयिक ने यहां ‘मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ (एमसीसीआई) द्वारा आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई हालिया बैठक ‘‘बहुत महत्वपूर्ण” थी.
पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में भारत-चीन सीमा पर सैनिकों की वापसी से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वहां जल्द ही सेना की गश्त शुरू होने की उम्मीद है. चीनी राजदूत ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि इस आम सहमति के आलोक में भविष्य में रिश्ते सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच विशिष्ट असहमतियों के कारण सीमित और बाधित नहीं होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मतभेदों को कैसे दूर किया जाए.”रिश्तों को बेहतर करने
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