Significance margshirsh month : मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण व माता लक्ष्मी की अराधना के लिए बहुत अच्छा माना जाता है.
Relation between Margsirsh month and Shri Krishna ji : मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो चुका है. हिन्दू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व होता है. मार्गशीर्ष माह भगवान कृष्ण व माता लक्ष्मी की अराधना के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. इस महीने में पूर्वजों की शांति के लिए भी पूजा अर्चना की जाती है. वहीं, मार्गशीर्ष मास में लोग तामसिक भोजन करने से परहेज करते हैं. आपको बता दें कि कृष्ण पक्ष 16 नवंबर को प्रतिपदा तिथि से शनिवार सुबह 2 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 दिसंबर रविवार रात 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगा.
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मार्गशीर्ष महीने का व्रत 2024
इस महीने कई महत्वपूर्ण व्रत भी होंगे जो इस प्रकार हैं… 16 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति, 18 गणाधिप संकष्टी चतुर्थी, 22 नवंबर कालभैरव जयंती, 23 नवंबर कालाष्टमी, 26 नवंबर उत्पन्ना एकादशी, 28 नवंबर प्रदोष व्रत, 29 नवंबर को मासिक शिवरात्रि, 30 नवंबर को दर्स अमावस्या, 06 दिसंबर को विवाह पंचमी, 07 दिसंबर को चंपा ष्ष्ठी, 8 दिसंबर को भानु सप्तमी, 11 दिसंबर को गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी, 12 दिसंबर को मत्स्य द्वादशी, 13 दिसंबर को प्रदोष व्रत, 14 दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती और 15 दिसंबर को धुन संक्रांति.
भगवान कृष्ण और मार्गशीर्ष महीने में संबंध – Significance of Margashirsha month
मार्गशीर्ष का महीना श्री कृष्ण को अत्यंत प्रिय है. क्योंकि स्वंय भगवान कृष्ण ने गीता के दसवें अध्याय में कहा है कि ”मासानां मार्गशीर्षोअहम” यानी ”साल के सभी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं.”
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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