November 10, 2024
Medical college

कैंसिल होगी 150 Medical Colleges की मान्यता: बिना फैकल्टी के ही हो रही पढ़ाई

देश के 150 से अधिक मेडिकल कॉलेजों को मान्यता गंवानी पड़ सकती है।

150 Medical colleges to lose recognition: देश में भविष्य के डॉक्टर्स को तैयार करने की जिन पर तैयारी है, वह खुद काबिल नहीं हैं। नेशनल मेडिकल कमिशन ने अपर्याप्त फैकल्टी, नियमों का पालन न करने के कारण देश के लगभ 150 से अधिक मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ रिपोर्ट किया है। ऐसे मेडिकल कॉलेजों को नोटिस किया गया है। इन कॉलेजों को मान्यता गंवानी पड़ सकती है। पहले भी देश भर के 40 मेडिकल कॉलेजों को मान्यता गंवानी पड़ी है, अब इनको मानकों को पूरा करके फिर नए सिरे से मान्यता लेनी होगी। एनएमसी के रडार पर 150 कॉलेजों की सूची में गुजरात, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।

तमाम खामियां मिली, अब मान्यता पर खतरा

नेशनल मेडिकल कमीशन के अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड द्वारा एक महीने से अधिक समय तक किए गए निरीक्षण के दौरान कमियां सामने आईं हैं। आयोग को मिली रिपोर्ट के अनुसार अधिकर कॉलेजों में फैकल्टी रोल में खामियां मिली। सीसीटीवी कैमरों, आधार से जुड़ी बायोमेट्रिक उपस्थिति की भी काफी खामियां सामने आई है। कॉलेज सीसीटीवी लगाने सहित अन्य मानकों को पूरा करने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे हैं। बायोमेट्रिक सुविधा ठीक से काम नहीं कर रही थी। अधिकतर कॉलेजों में विभिन्न फैकल्टीज में अधिकतर पद खाली मिले।

कॉलेज 30 दिनों के भीतर अपील कर सकते

नेशनल मेडिकल कमीशन की कार्रवाई के बाद अब मेडिकल कॉलेजों के पास एक ही विकल्प है। वह सबसे पहले अपील करेंगे। एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन में वह 30 दिनों के भीतर पहली अपील कर सकते हैं। अगर अपील खारिज होती है तो वे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी दे चुके हैं चेतावनी

दिसंबर 2022 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उन्होंने ऐसे मेडिकल कॉलेजों, जो नियमों का पालन नहीं करते हैं या उचित संकाय नहीं रखते हैं, के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि हमें छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी है, हमें अच्छे डॉक्टर तैयार करने हैं।

देश में seats का संकट पैदा हो सकता…

देश में एक साथ 150 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता छीन जाने के बाद medical seats की काफी कमी झेलनी पड़ सकती है। 150 संस्थानों की मान्यता रद्द करना देश के लिए संकट पैदा कर सकता है, जहां मेडिकल कॉलेजों की संख्या और मेडिकल छात्रों के लिए सीटें दशकों से अपर्याप्त हैं। दरअसल, देश में 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की सीटों में दुगुनी वृद्धि हुई है। लेकिन मान्यता रद्द होने के बाद एक चौथाई सीटें एक झटके में कम हो जाएंगी।

वर्तमान में देश में 660 मेडिकल कॉलेज

देश में 2014 के पहले 387 मेडिकल कॉलेज थे। लेकिन 2023 का आंकड़ा देखें तो यह संख्या बढ़कर 660 हो गई है। इनमें से 22 एम्स हैं। जबकि 2014 में देश में केवल सात एम्स थे।

सीटों में भी दुगुनी वृद्धि

देश में मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट सीटें 2014 के पहले 31185 सीटें थीं जोकि अभी 65335 हैं। डेटा बता रहा है कि दुगुनी से अधिक पीजी की सीटें बढ़ी है। इसी तरह 2014 में एमबीबीएस सीटें 51348 थीं। इस वक्त एमबीबीएस की 1,01,043 सीटें हैं। बीते मार्च में गुजरात सरकार ने विधानसभा को बताया था कि दिसंबर तक के आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 1,900 से अधिक पद खाली पड़े हैं।

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