November 25, 2024
Rajkot TRP Gaming Zone fire

Mig-21 विमान हादसा: मौत सामने थी लेकिन लोगों की जिंदगियों को बचाने के लिए उठाया यह कदम, मरते-मरते 2500 जिंदगियों को बचा गए दोनों पायलट

मिग-21 हादसे में दो पायलट शहीद हो गए हैं। लेकिन शहीद होने से पहले पायलटों ने जो किया वो उनके साहस को दिखाता है।

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का मिग विमान (Mig-21) गुरुवार को राजस्थान में क्रैश हो गया। राजस्थान के बारमेर में हुई इस दुर्घटना (Mig-21 crash in Rajasthan) से आसपास के क्षेत्र में अफरातफरी मच गई। क्रैश विमान मलबा काफी दूर तक फैल गया है। इस क्रैश में दो पायलट्स शहीद हो गए हैं। वायसेना ने जान गंवाने वाले दोनों पायलट्स के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हुए परिवार को सांत्वना दी है। इस घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दे दिया गया है। मिग क्रैश होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से बात कर जानकारी ली और मृतक पायलट्स के परिवारों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है।

कैसे हुई दुर्घटना?

भारतीय वायुसेना का एक ट्विन सीटर मिग-21 ट्रेनर विमान गुरुवार की शाम राजस्थान के उतरलाई हवाई अड्डे से प्रशिक्षण के लिए उड़ान के लिए रवाना हुआ था। रात करीब 9:10 बजे बाड़मेर के पास विमान का एक्सीडेंट हो गया। दोनों पायलटों को घातक चोटें आईं। हादसे में दोनों पायलट्स के मौत की सूचना है भारतीय वायुसेना ने कहा कि दोनों जांबाज पायलट के जान गंवाने का गहरा अफसोस है और शोक संतप्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं।

सूझबूझ से बचाई 2500 से अधिक जिंदगियां

मिग-21 हादसे में दो पायलट शहीद हो गए हैं। लेकिन शहीद होने से पहले पायलटों ने जो किया वो उनके साहस को दिखाता है। विमान उड़ा रहे दोनों पायलटों को आग लगने की जानकारी मिलते ही उन्होंने लड़ाकू विमान को अपनी सूझबूझ और वीरता से आग लगने के बाद भी विमान को सुनसान इलाके की मोड़ दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हादसे से पहले विमान जिस गांव में उड़ रहा था वहां की आबादी करीब 2500 है। मिग-21 का मलबा 2 किलोमीटर दूर तक फैला। हादसा इतना भीषण था कि पूरे इलाके में धमाके के साथ आग की लपटें दिखाई दीं। पायलट की समझदारी से विमान को हादसे से पहले आबादी वाले इलाके से दूर पहुंचा दिया था।

हादसे के बाद की कहानी प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

बाडमेर के भीमड़ा गांव के नजदीक बीती रात हुए इस हादसे के बारे में सोचकर लोग अभी भी भयभीत है। भीमड़ा गांव के रहने वाले पुरखाराम ने बताया कि रात के समय खाने पीने के बाद बस सोने की तैयारी ही थी। घर के बाहर टहल रहे थे कि ऐसी आवाज आई जैसे नजदीक से ही किसी विमान ने उड़ान भरी हो। आसमान की ओर देखा तो पाया कि एक छोटा विमान आग का गोला बना हुआ है। हम लोग डर गए।

पुरखाराम ने बताया कि पत्नी को आवाज लगाकर उसे दिखाने की कोशिश ही कर रहा था कि इसी दौरान तेज धमाका हो गया। विमान के टुकडे हो गए। वहां पहुंचे तो पता चला कि आधा किलोमीटर के क्षेत्र में टूटे टुकडे गिरे हुए हैं। आग लगी हुई है। दो लोग आग में जले रहे हैं। पता चला कि कुछ ही देर में दोनों की मौत हो गई। गांव में रहने वाली कल्याणी बाई ने कहा कि गांव में दो हजार से ज्यादा लोग हैं। अगर विमान गांव में गिरता तो सैकड़ों लोग मर जाते।

सोवियत काल का फाइटर जेट है मिग

वायु सेना के अनुसार, मिग-21 सोवियत काल का सिंगल-इंजन मल्टीरोल फाइटर/ग्राउंड अटैक एयरक्राफ्ट है जो इसके बेड़े की रीढ़ है। इसे पहली बार 1960 के दशक में भारत-चीन युद्ध के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और 2006 में मिग-21 बाइसन संस्करण में अपग्रेड किया गया था। अपग्रेड में शक्तिशाली मल्टी-मोड रडार, बेहतर एवियोनिक्स और संचार प्रणाली शामिल हैं। हालांकि ये जेट शुरू में केवल dumb bombs ले जा सकते थे, लेकिन अब वह गाइडेड हथियारों की एक विशाल रेंज को ट्रांसपोर्ट करने में सक्षम है।

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