Kazakhstan में फंसे भारतीयों की सुरक्षा पर MEA बोला-हम स्थिति पर नजर रख रहें

नई दिल्ली। कजाकिस्तान (Kazakhstan) में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच खूनी संघर्ष और वहां रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर भारत सरकार ने चिंता जाहिर की है। भारत के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा कि भारत कजाकिस्तान में हाल के घटनाक्रम का बारीकी से अनुसरण कर रहा है। हम हिंसा में मारे गए निर्दोष पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। कजाकिस्तान के एक करीबी और मैत्रीपूर्ण भागीदार के रूप में, हम स्थिति के शीघ्र स्थिरीकरण की आशा करते हैं।

भारत कजाकिस्तान के साथ समन्वय बनाए हुए

विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा कि अधिकारियों के साथ समन्वय से भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिली है। उन्हें स्थानीय सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और किसी भी सहायता के लिए भारतीय दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

अशांति पर अमेरिका ने जताई चिंता

अमेरिकी (USA) विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (Antony Blinken) ने रविवार को कजाकिस्तान के अशांति फैलाने के आरोपी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोली मारने के आदेश की आलोचना की और तत्काल प्रभाव से जनता पर गोलियां बरसाने के आदेश को खत्म करने को कहा है। एंटोनी ब्लिंकन ने कहा कि यह कुछ ऐसा है जिसे मैं पूरी तरह से अस्वीकार करता हूं। शूट-टू-किल ऑर्डर, जहां तक ​​​​मौजूद है, गलत है और इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान में घोषित किए गए आपातकाल की स्थिति के बारे में हमें वास्तविक चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को विदेश मंत्री मुख्तार तिलेबर्दी के साथ बात की थी। ब्लिंकन ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि कज़ाख सरकार प्रदर्शनकारियों से उनके अधिकारों का सम्मान करने वाले तरीकों से निपटेगी।

160 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं

मीडिया ने रविवार को बताया कि 1.9 करोड़ लोगों के ऊर्जा संपन्न देश में इस हफ्ते हुए हिंसक दंगों के बाद कजाकिस्तान में 160 से अधिक लोग मारे गए हैं और 5,800 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि 26 सशस्त्र अपराधी मारे गए थे और 16 सुरक्षा अधिकारी मारे गए थे।

कजाक राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों को बताया विदेशी आतंकी

कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव (Kassym-Jomart Tokayev) ने शुक्रवार को टेलीविजन संबोधन में कहा कि स्थानीय और विदेशी आतंकवादी देश में कहर बरपा रहे हैं, और मैंने लॉ एनफोर्समेंट को बिना किसी चेतावनी के मारने के लिए गोली मारने का आदेश दिया है।

मॉस्को (Moscow) के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन ने हिंसा को रोकने में मदद करने के लिए कजाकिस्तान में सैनिकों को भेजने के बाद उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी धन्यवाद दिया।

ईधन की बढ़ती कीमतों से देश में फैली अशांति

लंबे समय से मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों (Ex Soviet Union Country) में सबसे स्थिर के रूप में देखा जाने वाला, कजाकिस्तान दशकों में अपने सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है। यहा इन दिनों ईंधन की बढ़ती कीमतों के विरोध में व्यापक अशांति फैल गई है। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया और विशेष रूप से देश के सबसे बड़े शहर और आर्थिक केंद्र अल्माटी में पुलिस और सेना के साथ लोगों का संघर्ष हुआ। अशांति ने एक प्रमुख ऊर्जा निर्यातक और यूरेनियम के उत्पादक कजाकिस्तान की अस्थिरता की आशंका जताई गई है।