CAA becomes reality: लोकसभा चुनाव के पहले मोदी सरकार ने लागू किया CAA, गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता

Modi Government notified CAA: लोकसभा चुनाव के ऐलान के पहले केंद्र सरकार बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने सोमवार को सीएए लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। गृह मंत्रालय ने सीएए का नोटिफिकेशन कर दिया है। तीन देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है।

2019 में पास हुआ नागरिकता संशोधन कानून

नागरिकता संशोधन कानून को केंद्र सरकार ने 2016 में लोकसभा में पेश किया था लेकिन यह कानून राज्य सभा में पास नहीं हो पाया था। फिर इसे संसदीय समित के पास भेजा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद केंद्र ने फिर इस कानून को लोकसभा में पेश किया। तब यह कानून राज्यसभा और लोकसभा में पास हो गया। जनवरी 2020 में राष्ट्रपति ने भी इस पर मुहर लगा दी और यह कानून प्रभाव में आ गया। इसके बाद इस कानून को लेकर काफी हो हल्ला मचा और विरोध प्रदर्शन भी किया गया। अब लोकसभा चुनाव 2024 से पहले केंद्र सरकार फिर से सीएए कानून को नोटिफाई करने के लिए तैयार है।

क्या है सीएए और किसे मिलेगी भारतीय नागरिकता

केंद्र का कहना है कि धर्म के आधार पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में सताए गए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव इस कानून के तहत किया गया है। कानून के अनुसार इन धर्मों के जो भी लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बस चुके हैं, उन्हें ही नागरिकता प्रदान की जाएगी। नियमानुसार भारत की नागरिकता के लिए कम से कम 11 साल तक देश में रहना जरूरी है। लेकिन इस कानून के तहत 11 साल की बजाय 6 साल रहने वालओं को ही भारत की नागरिकता दी जाएगी। बाकी दूसरे देशों के लोगों पर 11 साल रहने का नियम लागू रहेगा, भले ही वह किसी भी धर्म से संबंधित हों।

सीएए के तहत आवेदन की प्रक्रिया

केंद्र के अधिकारियों के अनुसार सीएए के तहत आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। नागरिकता देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर लिया गया है। जो लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करेंगे उन्हें वह साल बताना होगा, जब वे भारत में रहने के लिए आए। यह अलग बात है कि आवेदकों से किसी तरह के प्रमाणिक दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।