MP सरकार ने 1.29 करोड़ लाडली बहनों को भेजी 16वीं क़िस्त, ऐसे करें चेक​

 योजना का लाभ मध्य प्रदेश की स्थानीय महिला को ही मिलता है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गईं हैं. जिसमें पहला है कि महिला की उम्र 21 से अधिक और 60 से ज्यादा न हो. पारिवार की सालाना आय भी 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. (जया तिवारी की रिपोर्ट)

9 सितंबर को मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं के खाते में योजना की 16वीं किस्त जारी की जा रही है. योजना के तहत सीएम मोहन यादव कुल 1574 करोड़ रुपये की धनराशि जारी कर रहे हैं, किस्त के तहत हर महिला के खाते में 1250 रुपये की धनराशि पहुंचेगी. हालांकि, यह किस्त हर महीने की 10 तारीख को ट्रांसफर किए जाती है, लेकिन इस बार एक दिन पहले यानी 9 सितंबर को महिलाओं के खाते में पैसे आ रहे हैं. योजना के तहत जिले की 4,29,034 बहनों को 52 करोड़ 48 लाख रुपये की राशि का वितरण किया जा रहा है. अगर आप भी इस सूची में हैं और आपके खाते में अभी तक पैसे नहीं आए हो, तो आप इसे ऐसे चेक कर सकते हैं. 

ये है आसान प्रक्रिया

सबसे पहले आप लाड़ली बहना की आधिकारिक वेबसाइट www.cmladlibahna.mp.gov.in पर जाएं. वेबसाइट पर आवेदन और भुगतान की स्थिति वाले विकल्प पर क्लिक करें. इसके बाद सही तरीके से कैप्चा कोड दर्ज करें. कैप्चा कोड सबमिट करने के बाद आपके मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा जाएगा. मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें और वेरिफाई करें. इसके बाद आपके भुगतान की सारी जानकारी आपके सामने स्क्रीन पर होगी. 

बता दें कि मध्य प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से लाडली बहन योजना की शुरूआत की गई है. सरकार अभी तक कुल 15 किस्तों का भुगतान कर चुकी है. योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 1250 रुपए दिए जाते हैं.

योजना का लाभ मध्य प्रदेश की स्थानीय महिला को ही मिलता है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ शर्तें भी रखी गईं हैं. जिसमें पहला है कि महिला की उम्र 21 से अधिक और 60 से ज्यादा न हो. पारिवार की सालाना आय भी 2.5 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर परिवार में कोई आयकर दाता है तो इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. योजना में विवाहित महिला, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाओं को भी शामिल किया गया है. अगर संयुक्त परिवार है तो 5 एकड़ से ज्यादा जमीन न हो, परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी न करता हो, घर पर ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो.

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