November 22, 2024
george muthoot

जार्ज मुत्थूटः आफिस असिस्टेंट से चेयरमैन तक का सफर तय करने वाला अमीर

मुत्थूट ग्रुप, गोल्ड लोन, सिक्योरिटी, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर, अस्पताल और एजुकेशन जैसे करीब 20 से अधिक क्षेत्रों में सक्रिय है। इसका हेडक्वाटर कोच्चि में है।

मुत्थूट ग्रुप (Muthoot Group) के चेयरमैन जॉर्ज मुत्थूट (George Muthoot) की अपने घर की छत से गिरने से शनिवार 6 मार्च को मौत हो गई। शुक्रवार की रात करीब 9 बजे जॉर्ज अपने घर की 4th मंजिल से गिर गए थे। उनको तत्काल फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल (Fortis Escort Hospital) ले जाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

71 साल के थे जार्ज, मौत एक हादसा

Chairman जॉर्ज मुत्थूट (George Muthoot) की उम्र 71 साल थी। एम्स (AIIMS) में उनका पोस्टमॉर्टम किया गया।
जॉर्ज मुत्थूट, दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश इलाके में रहते थे। घर की 4th मंजिल से गिर जाने की खबर पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल और सीसीटीवी आदि की जांच की तथा घर के सदस्यों से भी जानकारियां ली। पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिवार वालों को सौंप दिया। एम्स की रिपोर्ट और पुलिस की जांच के मुताबिक जॉर्ज मुत्थूट (George Muthoot death) की मौत एक हादसा थी।

जॉर्ज ने मुत्थूट ग्रुप को नई उंचाई दी थी

मुत्थूट फाइनेंस (Muthoot Finance) देश की सबसे बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंसिंग कंपनी है। एमजी जॉर्ज मुत्थूट, अपने परिवार की तीसरी पीढी के सदस्य थे जिन्होंने मुत्थूट ग्रुप (Muthoot Group) के चेयरमैन का पद संभाला था। उन्होंने देश के साथ-साथ विदेशों में भी मुत्थूट ग्रुप को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खास तौर पर मिडिल ईस्ट के देशों में उन्होंने कंपनी को आगे बढाने में मदद की।

गोल्ड के अलावा इन क्षेत्रों में भी सक्रिय

मुत्थूट ग्रुप, गोल्ड लोन, सिक्योरिटी, रियल एस्टेट, इंफ्रास्ट्रक्चर, अस्पताल और एजुकेशन जैसे करीब 20 से अधिक क्षेत्रों में सक्रिय है। इसका हेडक्वाटर कोच्चि में है। (Muthoot Group headquarter in Kocchi) हालांकि, जॉर्ज मुत्थूट (George Muthoot) काफी समय से दिल्ली में ही रहते थे।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर संभाला बिजनेस

जार्ज का जन्म नवंबर 1949 को हुआ था। उनके पिता का नाम एम जॉर्ज मुत्थूट था, जो मुत्थूट निनान मिथाई के पोते थे। मिथाई ने ही मुत्थूट ग्रुप (Muthoot Group) की शुरुआत की थी। जॉर्ज ने मनिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली और फैमिली बिजनेस का हिस्सा बन गए।

उन्होंने कंपनी में ऑफिस असिस्टेंट के पद से करियर की शुरुआत की थी और 1979 में वो कंपनी के मैनेजिंग डारेक्टर बन गए थे। 1993 में वो ग्रुप के चेयरमैन बने थे। उस वक्त कंपनी की 31 ब्रांच थीं लेकिन बाद में ये बढ़ कर 5550 हो गईं। मुत्थूट, अपने पीछे अपनी पत्नी सारा जॉर्ज और दो बेटों को छोड़ गए हैं।
उनके एक बेटे का साल 2009 में कत्ल हो गया था। जॉर्ज, ऑर्थोडोक्स चर्च के ट्रस्टी थे और फिक्की केरल काउंसिल के मुखिया भी थे। वह फिक्की (FICCI) की नेशनल एक्जीक्यूटिव कमेटी के भी सदस्य थे। फोर्ब्स एशिया (Forbes Asia) ने साल 2020 में उन्हें भारत का 44वां सबसे अमीर शख्स करार दिया था।

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