January 4, 2025
Mutual Funds Outlook 2025: साल 2024 में म्यूचुअल फंड में आया जमकर निवेश, अब 2025 में क्या होगा?

Mutual Funds Outlook 2025: साल 2024 में म्यूचुअल फंड में आया जमकर निवेश, अब 2025 में क्या होगा?​

Mutual Fund Investments: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM जबरदस्त निवेश की वजह से नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया, जो साल 2023 के अंत से 33% की ग्रोथ को दर्शाता है.

Mutual Fund Investments: म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM जबरदस्त निवेश की वजह से नवंबर के अंत तक 68 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया, जो साल 2023 के अंत से 33% की ग्रोथ को दर्शाता है.

म्यूचुअल फंड निवेश के मामले में 2024 एक दमदार साल रहा है. रिटेल निवेशकों की रिकॉर्डतोड़ भागीदारी और SIPs की बाढ़ ने म्यूचुअल के असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 17 लाख करोड़ रुपये का इजाफा किया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडस्टी (AMFI) के डेटा के मुताबिक साल 2024 में 9.14 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया, जबकि पिछले साल 2.74 लाख करोड़ रुपये का ही इनफ्लो आया था.

साल 2024 में MF इंडस्ट्री का लेखा जोखा

AMFI के मुताबिक निवेशकों की संख्या में 5.6 करोड़ का इजाफा भी हुआ, साथ ही SIP के जरिए निवेशक करने वाले रिटेल निवेशकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली. अकेले SIP के जरिए ही 2.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया. ये शानदार आंकड़े तब है जबकि इसमें दिसंबर 2024 के डेटा शामिल नहीं है, जो कि जनवरी 2025 के पहले हफ्ते में आएंगे.

नवंबर के अंत तक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM ऑल टाइम हाई पर

जबरदस्त निवेश की वजह से नवंबर के अंततक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM 68 लाख करोड़ रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया, जो साल 2023 के अंत से 33% की ग्रोथ को दर्शाता है, तब AUM 50.78 करोड़ रुपये AUM था. 2023 में AUM में 27% की ग्रोथ और 11 लाख करोड़ रुपये इनफ्लो था, साल 2024 की ग्रोथ इससे काफी ज्यादा है.

साल 2022 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के AUM में 7% की ग्रोथ

थोड़ा पीछे जाएं तो म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के AUM में साल 2022 में 7% की ग्रोथ और 2.65 लाख करोड़ रुपये का इजाफा देखने को मिला था, इसके पहले साल 2021 में करीब 22% की ग्रोथ और 7 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था. बीते 4 वर्षों में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने अपने AUM में 30 लाख करोड़ रुपये का जबरदस्त इजाफा किया है.

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के डायरेक्टर-मैनेजर के कौस्तुभ बेलापुरकर का कहना है, ‘म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट 2025 में स्वस्थ गति से बढ़ने की उम्मीद है. रिटेल निवेशकों के बीच बढ़ती पैठ के साथ, इक्विटी फंड में इनफ्लो, खासतौर पर SIPs के जरिए मजबूत बने रहने की संभावना है’

लगातार 12 साल से बढ़ रहा है AUM

दिसंबर 2022 के अंत में असेट बेस करीब 40 लाख करोड़ रुपये था, दिसंबर 2021 में ये 37.72 लाख करोड़ रुपये पर था, जबकि दिसंबर 2020 में ये 31 लाख करोड़ रुपये हुआ करता था. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM बीते 12 सालों से लगातार बढ़ा है, जिसमें इक्विटी स्कीम्स का बड़ा योगदान रहा है, खासतौर पर SIPs के जरिए रिटेल निवेशकों की भागीदारी ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में निवेश का नया इतिहास लिखा है.

इक्विटी स्कीम्स से 3.53 लाख करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा निवेश

इस साल सबसे ज्यादा निवेश इक्विटी स्कीम्स से 3.53 लाख करोड़ रुपये का रहा, हाइब्रिड स्कीम्स से 1.44 लाख करोड़ और करीब 2.88 लाख करोड़ रुपये डेट स्कीम्स से आए हैं. इक्विटी स्कीम्स जो 2024 में म्यूचुअल फंड में निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक फैक्टर थीं, मार्च 2021 से स्कीम्स में मासिक आधार पर लगातार नेट इनफ्लो देखा जा रहा है. मंथली SIP का योगदान अक्टूबर और नवंबर में लगातार 25,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया, जो निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी का संकेत है.

सोने ने भी खींचा निवेशकों का ध्यान

आर्थिक अनिश्चितताओं, जियो-पॉलिटिकल तनाव और टैक्सेशन नियमों में बदलाव के बीच निवेशकों की ओर से सुरक्षित निवेश के लिए 9,500 करोड़ रुपये के इनफ्लो के साथ सोने के निवेश में भी तेजी आई है. व्हाइटऑक कैपिटल के CEO आशीष सोमैया ने कहा कि पोर्टफोलियो हेज के रूप में सोने को मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड में इसके शामिल होने से और बढ़ावा मिला है.

साथ ही, यह देखते हुए कि अमेरिकी मॉनिटरी पॉलिसी में अनिश्चितता है, समय-समय पर डॉलर की कमजोरी और जियो-पॉलिटिकल चिंताएं उजागर हो रही हैं, कस्टमर पोर्टफोलियो में सोना हमेशा एक सुरक्षित तरीका है.

जीरोधा फंड हाउस के CEO विशाल जैन का कहना है कि अप्रैल 2025 से, गोल्ड ETF पर 1 साल से कम की होल्डिंग अवधि के लिए निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुसार और 1 वर्ष से अधिक की होल्डिंग अवधि के लिए 12.5% ​​टैक्स लगाया जाएगा, जो उन्हें इक्विटी के टैक्सेशन के बराबर लाकर खड़ा कर देगा.

डेट म्यूचुअल फंड्स में, लिक्विड, अल्ट्रा शॉर्ट और कम अवधि के फंड्स में जबरदस्त इनफ्लो देखने को मिला, जिसमें संस्थागत निवेशकों की भागीदारी खूब रही. इस बीच रिटेल निवेशकों ने गिल्ट और डायनामिक ड्यूरेशन फंड्स में भी अपनी दिलचस्पी दिखाई, क्योंकि उन्हें साल 2025 में रेट कट की उम्मीद है.

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