Assembly election 2023: चुनाव आयोग आज(18 जनवरी) को दोपहर बाद नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कान्फ्रेंस में तारीखों का ऐलान किया। त्रिपुरा में 16 फरवरी को चुनाव होगा। वहीं, मेघालय-नागालैंड में 27 फरवरी को वोटिंग कराई जाएगी। तीनों राज्यों का 2 मार्च को रिजल्ट आएगा। नॉमिनेशन की तारीख-त्रिपुरा- 21 जनवरी से 30 जनवरी तक, मेघालय-नगालैंड- 31 जनवरी से 7 फरवरी तक होगी। वहीं, नाम वापसी की आखिरी तारीख: त्रिपुरा- 2 फरवरी, मेघालय-नगालैंड-10 फरवरी होगी।
तैयारियों को परखने के बाद हुआ चुनाव का ऐलान
इससे पहले चुनाव आयोग तीनों राज्यों में चुनावी तैयारियों को देख चुका है। पूर्वोत्तर के इन राज्यों में चुनावी तैयारियों की देखने-परखने के लिए आयोग की टीम ने चार दिनों का दौरा किया था। दौरे में मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के अलावा आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय और अरुण गोयल भी साथ थे।
मई में इन राज्यों में चुनाव…
इन तीन राज्यों के बाद मई में कर्नाटक, नवंबर में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और मिजोरम के बाद दिसंबर में तेलंगाना और राजस्थान में चुनाव होना संभावित हैं। 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए खासा महत्व रखते हैं। ये चुनाव साबित करेंगे कि मोदी का मैजिक लोकसभा चुनाव में चलेगा या विपक्ष मजबूती से उभरकर सामने आएगा। हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा ने गुजरात में धमाकेदार वापसी की है, लेकिन उसे हिमाचल में सत्ता गंवानी पड़ी है।
- तीनों राज्यों में महिला वोटरों की भागीदारी अधिक है।
- मार्च में समाप्त हो रहा तीनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल।
- ये मुद्दे अहम: त्रिपुरा-अलग राज्य की सियासत, नागालैंड-स्वायत्तता का मुद्दा और मेघालय-असम से सीमा विवाद
- चुनावी हिंसा की घटनाएं तीनों राज्यों में नहीं होती हैं
- तीनों राज्यों में 2.28 लाख नए वोटर जुड़े
- 62.8 लाख से अधिक वोटर तीनों राज्यों में
- तीनों राज्यों में 376 मतदान केंद्रों की जिम्मेदारी महिला कर्मियों पर
किसका कार्यकाल कब हो रहा समाप्त
तीनों विधानसभाओं का कार्यकाल मार्च में अलग-अलग तारीखों पर खत्म हो रहा है। नागालैंड विधानसभा का कार्यकाल 12 मार्च को समाप्त हो रहा है। मेघालय और त्रिपुरा विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 15 मार्च और 22 मार्च को समाप्त हो रहा है। तीनों राज्यों की विधानसभाओं में प्रत्येक में 60 सदस्य हैं।
त्रिपुरा में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं नागालैंड में नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी सत्ता में है। नेशनल पीपुल्स पार्टी, उत्तर-पूर्व की एकमात्र पार्टी है जिसे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता प्राप्त है, मेघालय में सरकार चलाती है।
मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, हालांकि वो बहुमत से दूर थी। भाजपा को महज 2 सीटें मिली थीं। बावजूद उसने नेशनल पीपुल्स पार्टी(NPP) के साथ गठबंधन करके यहां अपनी सरकार बना ली थी। इस बार कांग्रेस का यहां जनाधार नहीं दिखता। वजह, उसके विधायक तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। यानी यहां इस बार तृणमूल कांग्रेस कुछ खास असर कर सकती है।
मेघालय में 60 विधानसभा सीटें हैं। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं, जबकि बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए थीं। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। NPP ने नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस(NEDA) के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसमें भाजपा भी शामिल है। दरअसल, भाजपा ने ही पूर्वोत्तर के राज्यों में विस्तार के मकसद से NEDA की स्थापना की थी। मई 2016 में NEDA की नींव डाली गई थी। मेघालय के सीएम कॉनरॉड कोंगकल संगमा हैं, जो नेशनल पीपुल्स पार्टी से हैं। वे पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा के बेटे हैं।
नागालैंड में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार
यहां अभी बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो हैं, जो एनडीपीपी के अध्यक्ष हैं। वे 9 बार नगालैंड के मुख्यमंत्री रहे हैं। इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एनडीपीपी के साथ 20 सीटों पर समझौता किया है। पिछले 2018 के चुनाव में भाजपा ने 20 में से 12 सीटें जीती थीं। पिछले चुनाव में भाजपा की सहयोगी नैशनलिस्ट डेमोक्रैटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) ने राज्य की 16 सीटों पर कब्जा जमाया था। यहां भी 60 विधानसभा सीटें हैं।
त्रिपुरा में बीजेपी सरकार
त्रिपुरा विधानसभा का कार्यकाल 22 मार्च 2023 को खत्म हो रहा है। यहां 60 विधानसभा सीट है। यहां भाजपा को अपनी सत्ता बरकरार रखने एक बड़ी चुनौती है। वहीं, सीपीआई(एम) और कांग्रेस भी सत्ता के लिए जोरआजमाइश में हैं। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी ने 35 सीटें जीती थीं। 25 साल से सत्ता में काबिज सीपीआई (एम) को सिर्फ 16 सीटें हासिल हो सकी थीं। जबकि IPFT को 8 सीटें मिली थीं। त्रिपुरा के सीएम भाजपा के डॉ. माणिक साहा हैं।