Vice President of India: देश के उप राष्ट्रपति (Vice President of India) पद के लिए पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ निर्वाचित घोषित किए गए हैं। नवनिर्वाचित उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले हैं जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी मार्गरेट अल्वा को महज 182 वोट मिले हैं। 15 सांसदों का मत अवैध हो गया है। नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की जीत के बाद पूरा राजस्थान तो जश्न में डूबा ही हुआ है, शेखावटी में विशेष उत्सव जैसा आलम है। पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को बीजेपी गठबंधन वाले एनडीए (NDA) ने प्रत्याशी बनाया था। शनिवार को हुए मतदान के बाद देर शाम को result आया जिसमें श्री धनखड़ के जीत की घोषणा की गई है।
राजस्थान के रहने वाले हैं धनखड़
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, राजस्थान के झुंझुनूं के एक सुदूर गांव के रहने वाले हैं। किसान परिवार में जन्में धनखड़ ने अपनी स्कूली शिक्षा सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में पूरी की है। भौतिकी में स्नातक करने के बाद जगदीप धनखड़ ने राजस्थान विवि से एलएलबी किया।
राजस्थान हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में किया प्रैक्टिस
जगदीप धनखड़ ने एलएलबी करने के बाद वकालत करनी शुरू कर दी। वकालत के शानदार करियर को अपनाने के साथ वह देश के अग्रणी वकीलों में शुमार हो गए। बार कौंसिल के विभिन्न पदों पर रहने वाले धनखड़ ने 1989 में राजनीति में प्रवेश करने के साथ झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। जनता दल से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले श्री धनखड़, 1990 में जनता दल सरकार में देश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री के रूप में कार्य किया। लेकिन 1991 में उनको टिकट नहीं मिला तो वह कांग्रेस में चले गए। अजमेर जिला के किशनगढ़ से 1993 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। हालांकि, कांग्रेस से मोहभंग होने के बाद श्री धनखड़ ने 2003 में बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। 2019 में बीजेपी ने उनको पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया।
शेखावटी क्षेत्र में कराए हैं काफी विकास
नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपने गांव झुंझुनू और क्षेत्र में काफी विकास किए हैं। बताया जा रहा है कि वह अपने गांव में लाइब्रेरी, स्कूल, कॉलेज के अलावा तमाम विकास कार्य कराए हैं। उनके गांव के युवक अंग्रेजी में आगे बढ़ सके इसलिए उन्होंने गांव में अंग्रेजी स्पीकिंग कोर्स के लिए इंन्स्टीट्यूट भी खोलवाया है।
ममता बनर्जी से हमेशा ठनी रहती
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में जगदीप धनखड़ की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हमेशा ठनी रहती है। दोनों जिम्मेदार एक दूसरे पर सोशल मीडिया से लेकर सार्वजनिक मंचों से आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। ममता बनर्जी, राज्यपाल के कई फैसलों पर सार्वजनिक आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं तो राज्यपाल के रूप में धनखड़ ने ममता बनर्जी के कई फैसलों को पलट दिया था। अभी कुछ दिनों पहले बीजेपी के खिलाफ जेहाद वाले बयान को लेकर धनखड़ और ममता बनर्जी में खूब वाद विवाद हो चुका है। हालांकि, जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनाए जाने के बाद ममता बनर्जी ने विपक्ष का साथ न देकर एक तरह से अपने राज्य के पूर्व राज्यपाल की ही मदद की है।