November 24, 2024
Nitish Kumar with Narendra Modi

देश का राजनीतिक भविष्य तय करेगा Nitish Kumar का फैसला, मोदी सरकार को बेचैन कर दिया है बिहार के दिग्गज ने…

मौके की नजाकत को भांपते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी यह संकेत दे दिया है कि अगर नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ दें तो वह समर्थन देने को तैयार है।

पटना। बिहार में सुशासन बाबू के नाम से प्रसिद्ध नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और बीजेपी (BJP) के बीच की तल्खी नए समीकरण बना रही है। महाराष्ट्र के हालिया प्रकरण और पटना में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) के क्षेत्रीय पार्टियों के खत्म करने वाला बयान, जदयू (JDU) के बगावत की राह को आसान कर दी है। बिहार में सरकार बनने के बाद पहली बार नीतीश कुमार और बीजेपी का गठबंधन खतरे के निशान को पार कर गया है।

मंगलवार को नीतीश कुमार अपने सांसदों व विधायकों के साथ मीटिंग करके बड़ा ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, मौके की नजाकत को भांपते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी यह संकेत दे दिया है कि अगर नीतीश कुमार गठबंधन तोड़ दें तो वह समर्थन देने को तैयार है। बिहार में जदयू और बीजेपी के बीच कमजोर पड़ी गांठ के दस बड़े घटनाक्रम जो दोनों के बीच रिश्तों में घुली कड़वाहट की ओर इशारा कर रही हैं।

  • बिहार में एनडीए में शामिल बीजेपी की सबसे बड़ी सहयोगी जदयू करीब-करीब गठबंधन छोड़ने का फैसला कर चुकी है। बिहार के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक विजय चौधरी ने कहा कि हमारे सभी नेताओं द्वारा स्थिति की समीक्षा करने के बाद हम कल फैसला करेंगे। मुख्यमंत्री की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के नेताओं ने भाजपा पर उनके खिलाफ काम करके पार्टी को विभाजित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
  • उपमुख्यमंत्री और भाजपा के तारकिशोर प्रसाद के साथ एक बैठक में, नीतीश कुमार ने कथित तौर पर कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो इन दिनों हेडलाइन बनी हुई है। जबकि भाजपा ने अपने नेताओं से विवाद पर टिप्पणी नहीं करने और कल नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार करने को कहा है।
  • उपमुख्यमंत्री के साथ नीतीश कुमार की मुलाकात के बावजूद, उनकी पार्टी पिछले साल आम चुनाव में नीतीश कुमार के खिलाफ काम करने और सहयोगियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए भाजपा पर कड़ा प्रहार कर रही है। नीतीश कुमार के सहयोगी सबूत के तौर पर बीजेपी बॉस जेपी नड्डा की हालिया टिप्पणी का हवाला दे रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि केवल बीजेपी रहेगी, अन्य पार्टियां गायब हो जाएंगी।
  • मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों का कहना है कि वह शांत होने के मूड में नहीं हैं। कल वह अपने सभी विधायकों या विधायकों के साथ बैठक कर फैसला करेंगे कि आगे क्या होगा। हालांकि, यह भी तय है कि नीतीश के विधायक मध्यावधि चुनाव की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए संभावना है कि नीतीश बिहार में नया गठबंधन बनाना पसंद करेंगे।
  • विपक्षी दल ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल या राजद के नेता तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को समर्थन की पेशकश करेंगे, अगर वह भाजपा को छोड़ देते हैं। राजद हाल ही में बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। राजद, मुख्यमंत्री की जदयू और कांग्रेस की संयुक्त ताकत सरकार बनाने के लिए काफी बड़ी है।
  • दरअसल, नीतीश कुमार का गुस्सा मुख्य रूप से केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा बिहार को रिमोट कंट्रोल करने के एक ठोस प्रयास के रूप में है। अपना विरोध दर्ज कराने के लिए नीतीश कुमार, अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई कई अहम बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं। रविवार को नीति आयोग की मीटिंग में न जाना, इन बहिष्कारों में सबसे हालिया था। हालांकि, अस्वस्थ होने का दावा किया जा रहा है लेकिन वह पटना में दो सरकारी कार्यक्रमों में उपस्थित थे।
  • इस संकट में एक प्रमुख भूमिका आरसीपी सिंह की है, जिन्होंने शनिवार शाम नीतीश कुमार की पार्टी छोड़ दी थी। वह राज्यसभा सांसद और एक केंद्रीय मंत्री थे। लेकिन नीतीश कुमार उन्हें अमित शाह के लिए एक प्रॉक्सी के रूप में देखते आए हैं। नीतीश कुमार की मर्जी के बगैर ही आरसीपी सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए थे। इस बार उनको राज्यसभा नहीं भेजा गया और इस्तीफा देना पड़ा है। कुछ दिनों पहले ही आरसीपी सिंह पर उनकी ही पार्टी जदयू द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया।
  • नीतीश कुमार चाहते हैं कि बीजेपी उनकी पार्टी को केंद्र सरकार में अधिक प्रतिनिधित्व दे। इसके अलावा बिहार से केंद्र में जिन मंत्रियों को प्रतिनिधित्व मिले, उसमें उनकी राय भी हो।
  • भाजपा और नीतीश कुमार ने 2013 तक गठबंधन की सरकार चलाई थी। लेकिन बाद में कांग्रेस व राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। परंतु, कुछ वजहों से राजद-जदयू गठबंधन टूट गया और नीतीश कुमार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन कर सीएम बन गए। बीते विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी-जदयू एक साथ लड़ी। हालांकि, इस बार बीजेपी को अधिक सीटें मिली लेकिन नीतीश कुमार को ही सीएम पद दिया गया। लेकिन इस विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही बीजेपी अधिक मुखर होकर गठबंधन के लिए काम कर रही है।

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