North East states ground reality: दशकों से अशांत पूर्वोत्तर अब शांति की ओर अग्रसर है। कभी चुनौती बना पूर्वोत्तर राज्यों का उग्रवाद अब पूरी तरह से ढलान पर है। आलम यह कि केंद्र सरकार ने अशांत क्षेत्रों में लागू किए गए AFSPA कानूनों को भी हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संसद में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पूर्वोत्तर के कई राज्यों के अधिकतर जिले AFSPA से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 8 सालों में उग्रवादी हिंसा में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। पूर्वोत्तर में इस हिंसा की वजह से नागरिकों की होने वाली मौतों में भी करीब 89 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
आतंकवाद के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति से सुरक्षा की भावना में वृद्धि
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ नीति पर केन्द्रित है। केंद्र सरकार ने यूएपीए कानून को मजबूत करने के साथ ही राष्ट्रीय जांच एजेंसियों को प्रभावी किया है। इससे आतंकवाद का इकोसिस्टम कमजोर पड़ा है। उन्होंने बताया कि सरकार के आतंकवाद के खिलाफ संकल्पित है जिसका परिणाम सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट स्ट्राइक है। सशस्त्र बलों की कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी आई है। यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि टेरर फंडिंग के केस में 94 प्रतिशत केसों में सजा दिलाने का काम किया गया है।
अशांत पूर्वोत्तर भी शांति की ओर बढ़ा…
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य जो पहले उग्रवादी घटनाओं की वजह से अशांत रहते थे, वह अब शांति की ओर बढ़ रहे हैं। ठाकुर ने बताया कि 2014 से उग्रवाद प्रभावित हिंसा में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि नागरिकों की मौतों में 89 प्रतिशत की कमी हुई है। अब पूर्वोत्तर अशांत क्षेत्र नहीं बल्कि विकास की राह पर चलने वाला क्षेत्र बनने जा रहा है। ठाकुर ने बताया कि बीते 8 सालों में पूर्वोत्तर राज्यों में छह हजार से अधिक उग्रवादियों ने सरेंडर किया है जोकि एक बड़ी उपलब्धि है।
उग्रवाद पर काबू पाने के लिए सरकार ने किए यह समझौते
सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों में शांति बहाली के लिए विभिन्न समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों की वजह से उग्रवाद की राह पर चले युवा मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं और पूर्वोत्तर भी शांत होता जा रहा है। इन मुख्य समझौतों पर सरकार ने किए हैं समझौते…
- बोडो समझौता- जनवरी 2020
- ब्रू-रियांग समझौता- जनवरी 2020
- एनएलएफटी-त्रिपुरा समझौता- अगस्त 2019
- कार्बी आंगलोंग समझौता-सितंबर 2021
- असम-मेघालय अंतर-राज्यीय सीमा समझौता- मार्च 2022
पूर्वोत्तर हुआ शांत तो AFSPA भी हटाने की प्रक्रिया शुरू
अनुराग ठाकुर ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में शांति बहाली होने से अब अफ्स्पा कानून को भी वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को इस सरकार ने त्रिपुरा और मेघालय सहित पूर्वोत्तर के एक बड़े हिस्से से वापस ले लिया है। अब यह कानून अरुणाचल प्रदेश के सिर्फ तीन जिलों में लागू है। उन्होंने बताया कि अफ्स्पा से असम का 60 प्रतिशत क्षेत्र मुक्त है। यहां के छह जिलों के 15 पुलिस थानों को इस कानून से मुक्त कर दिया गया है।
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