बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछले 3 साल में संसद का सत्र शुरू होते ही भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हित के खिलाफ रिपोर्ट जारी की जाती रही है. क्या इसे महज संयोग माना जाए?
भारत की तरक्की कुछ आंखों को चुभ रही है? कुछ विदेशी ताकतें बढ़ते भारत के कदम पीछे खींचने में लगी हैं? एक फ्रांसीसी अखबार की हाल में छपी खोजी रिपोर्ट ने जो राज खोले हैं, वह चौंका रहे हैं. इस रिपोर्ट में हुए खुलासों की गूंज गुरुवार को संसद में भी सुनाई दी. राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस रिपोर्ट का जिक्र कर देश विरोधी ताकतों को लेकर आगाह किया. आखिर इस रिपोर्ट में ऐसा है क्या? हम यहां आपको विस्तार से समझा रहे हैं.
फ्रांसीसी अखबार का खुलासा क्या है
Mediapart एक फ्रांसीसी ऑनलाइन अखबार है. यह अपनी स्वतंत्र खोजी रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है. 2008 में Edwy Plenel ने इस अखबार को शुरू किया था. अखबार ने इस 2 दिसंबर को एक लंबी खोजी रिपोर्ट छापी. रिपोर्ट दरअसल संगठन ऑर्गनाइज्ड क्राइम ऐंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर है. OCCRP खुद को स्वतंत्र खोजी पत्रकारों का नेटवर्क वाला संगठन बताता है. इसने भारत को लेकर भी सनसनीखेज खुलासे किए हैं. तो फ्रांसीसी अखबार की खोजी रिपोर्टिंग में दावा किया गया है कि OCCRP को अमेरिकी सरकार के साथ कुछ ऐसे स्रोतों से फंड मिलता है, जो इसकी विश्वसनीयत पर सवाल उठाया है. इस रिपोर्ट में OCCFP के को-फाउंडर के मेल का जिक्र कर यहां तक बताया गया है कि कैसी यह कथित स्वतंत्र पत्रकारों का संगठन अमेरिका विरोधी खबरों को दबा देता है. इस संगठन की साइट पर दानदाताओं का जिक्र जरूर है, लेकिन आर्टिकल में अनका कहीं उल्लेख नहीं होता, जबकि उसके ये लेख उससे प्रभावित रहते हैं.
क्या ये रिपोर्टें बस संयोग हैं? BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने संसद में भारत विरोधी विदेशी ताकतों का खोला कच्चा चिट्ठा#SudhanshuTrivedi pic.twitter.com/3yxMwzMB9Z
— NDTV India (@ndtvindia) December 5, 2024
OCCRP की ABCD जान लीजिए
OCCRP और सोरोस का कनेक्शन क्या है?
सोरोस पर फ्रेंच अखबार की रिपोर्ट में है क्या
रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘5 अक्टूबर 2005 को OCCRP रिपोर्टर्स को भेजे गए एक ईमेल में, ड्रू सुलिवन (OCCRP के को-फाउंडर) ने लिखा: ‘जॉन (गोएट्स, जर्मन टेलीविजन NDR के रिपोर्टर) यह प्रचार कर रहे हैं कि OCCRP के किसी कर्मचारी या सदस्य ने उन्हें बताया कि OCCRP अमेरिका पर स्टोरी नहीं करता. अगर यह आपकी राय है तो ठीक है और शुरुआत के वर्षों में यह ज्यादातर सही था क्योंकि हम अमेरिकी सरकार या सोरोस के पैसे का इस्तेमाल अमेरिका पर स्टोरीज के लिए नहीं कर सकते थे.”
जॉर्ज सोरोस की कहानी क्या है
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में 12 अगस्त, 1930 को पैदा होनेवाला जॉर्ज सोरोस अमेरिकी नागरिक है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार आज की तारीख में करेंसी बाजार में कारोबार करता है. इसके अलावा स्टॉक्स का बड़ा निवेशक भी वो माना जाता है.. कुछ व्यापार हैं और राजनीतिक बयानबाजी के साथ ही कुछ सामाजिक संस्थाओं से भी वो जुड़ा रहा है. ब्रिटेन के मुद्रा संकट के जॉर्ज सोरोस ने बिलियन डॉलर का फायदा कमाया था.
जार्ज सोरोस अपनी कंपनी सोरोस फंड मैनेजमेंट और ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क (OSUN) का प्रमुख है. बता दें कि OSUN एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसमें दुनिया की सभी यूनिवर्सिटी के लोग पढ़ा और शोध करते हैं. सोरोस इसे अपने जीवन का सबसे अहम प्रोजेक्ट मानते हैं. वे इसमें अपनी कमाई का काफी बड़ा हिस्सा लगाते हैं.
आखिर यह ‘डीप स्टेट’ कौन हैं
‘डीप स्टेट’ शब्द का इस्तेमाल दरसअल सरकार के अजेंडे को गुप्त रहकर लागू करने वाली एजेंसियों के लिए किया जाता है. OCCRP को अमेरिका के अंदर की कई एजेंसियों से भी फंड मिलता है. ऐसे में संगठन पर इल्जाम लगना लाजिमी है कि क्या ये एजेंसियां ‘डीप स्टेट’ की तरह काम करती हैं. इस संगठन को अमेरिकी एजेंसियों से कितना पैसा मिलता है इसकी डीटेल आप नीचे देख सकते हैं. फ्रांस के अखबार ने अपनी रिपोर्ट में डीटेल से इसकी जानकारी दी है.
संसद में सुधांशु त्रिवेदी ने क्या कहा
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पिछले 3 साल में संसद का सत्र शुरू होते ही भारत के सामरिक, आर्थिक और सामाजिक हित के खिलाफ रिपोर्ट जारी की जाती रही है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि एक फ्रेंच पब्लिकेशन ने ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संगठन को फॉरन फंडिंग मिलते रहे हैं. इसका संबंध जॉर्ज सोरोस के साथ भी है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर संसद में उठे सवाल
हिंडनबर्ग की भ्रामक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बीजेपी सांसद ने कहा कि 22 जुलाई से 9 अगस्त के बीच संसद का मानसून सत्र हुआ और 10 अगस्त को हिडनबर्ग की रिपोर्ट आई. 25 नवंबर से वर्तमान सत्र शुरू हुआ और 20 नवंबर को एक अमेरिकी कोर्ट में अटॉर्नी की रिपोर्ट जारी हुई. क्या यह एक महज संयोग है? बीजेपी सांसद ने कहा कि 20 जुलाई 2023 को संसद का सत्र की शुरुआत होने वाली थी और 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो सामने आया. क्या यह सब महज एक संयोग ही था. बीजेपी सांसद ने एक के बाद कई रिपोर्ट का जिक्र कर भारत को अस्थिर करने की साजिश का जिक्र किया.
सुधांशु त्रिवेदी ने पूछा यह संयोग है या प्रयोग?
OCCRP की सफाई क्या है
OCCRP हालांकि इस पर सफाई दे रहा है कि उसे पैसे देने वालों के असर में नहीं है. फ्रांसीसी अखबार की रिपोर्ट के बात संगठन ने अपनी वेबसाइट पर सफाई देते हुए लिखा कि उसकी रिपोर्टें निष्पक्ष रही हैं.
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