March 22, 2025
Papmochani ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी पर करें मां तुलसी के इन मंत्रों का जाप, घर में होगा सुख शांति का वास

Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी पर करें मां तुलसी के इन मंत्रों का जाप, घर में होगा सुख-शांति का वास​

Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचिनी एकादशी को भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय तुलसी की पूजा का भी बहुत महत्व है. इस एकादशी व्रत में तुलसी की पूजा करने और तुलसी मंत्रों का जाप करने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.

Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचिनी एकादशी को भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय तुलसी की पूजा का भी बहुत महत्व है. इस एकादशी व्रत में तुलसी की पूजा करने और तुलसी मंत्रों का जाप करने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.

Papmochani Ekadashi 2025:हर माह में दोनों पक्षों की एकादशी तिथि भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होती है. भक्त एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करते हैं. चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहते हैं. इस बार पापमोचिनी एकादशी का व्रत 25 मार्च (Kab Hai Papmochani Ekadashi-2025) को रखा जाएगा. पापमोचिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय तुलसी की पूजा का भी बहुत महत्व है. इस एकादशी व्रत में तुलसी की पूजा (Papmochani Ekadashi Par Tulsi Mantra ka Jap ) करने और तुलसी मंत्रों का जाप करने से बहुत लाभ होता है. पापमोचिनी एकादशी पर तुलसी मंत्रों के जाप से माता तुलसी प्रसन्न होकर अखंड सौभाग्य का वरदान (Tulsi Mantra Path Ke Se Labh) देती हैं. आइए जानते हैं कब है पापमोचिनी एकादशी और तुलसी मंत्र.

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पापमोचिनी एकादशी कब है (Date of Papmochani Ekadashi 2025)

वर्ष 2025 में चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 मार्च मंगलवार को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर शुरू होकर 26 मार्च बुधवार को देर रात 3 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी. 25 मार्च मंगलवार को पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.

पापमोचिनी एकादशी पर तुलसी मंत्रों का जाप (Tulsi Mantra Jap on Papmochani Ekadashi)

पापमोचिनी एकादशी को भगवान विष्णु के साथ साथ तुलसी जी की भी पूजा करने का बहुत महत्व है. मान्यता है कि इस दिन तुलसी की पूजा से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं. पापमोचिनी एकादशी को तुलसी की पूजा के लिए सुबह स्नान के बाद तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना चाहिए. तुलसी के चौरे पर घी का दिया जलाकर तुलसी माता को चुनरी, कलावा, फूल, कुमकुम और नारियल, मिठाई चढ़ाना चाहिए. तुलसी माता की कृपा प्राप्त करने के लिए तुलसी मंत्रों का जाप करना चाहिए. तुलसी मंत्र में माता तुलसी के 108 नामों का जाप करना चाहिए.

।।तुलसी जी के 108 नाम।।

1.ॐ श्री तुलस्यै नमः।

2.ॐ नन्दिन्यै नमः।

3.ॐ देव्यै नमः।

4.ॐ शिखिन्यै नमः।

5.ॐ धारिण्यै नमः।

6.ॐ धात्र्यै नमः।

7.ॐ सावित्र्यै नमः।

8.ॐ सत्यसन्धायै नमः।

9.ॐ कालहारिण्यै नमः।

10.ॐ गौर्यै नमः।

11.ॐ देवगीतायै नमः।

12.ॐ द्रवीयस्यै नमः।

13.ॐ पद्मिन्यै नमः।

14.ॐ सीतायै नमः।

15.ॐ रुक्मिण्यै नमः।

16.ॐ प्रियभूषणायै नमः।

17.ॐ श्रेयस्यै नमः।

18.ॐ श्रीमत्यै

19.ॐ मान्यायै नमः।

20.ॐ गौर्यै नमः।

21.ॐ गौतमार्चितायै नमः।

22.ॐ त्रेतायै नमः।

23.ॐ त्रिपथगायै नमः।

24.ॐ त्रिपादायै नमः।

25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः।

26.ॐ जगत्रयायै नमः।

27.ॐ त्रासिन्यै नमः।

28.ॐ गात्रायै नमः।

29.ॐ गात्रियायै नमः।

30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः।

31.ॐ शोभनायै नमः।

32.ॐ समायै नमः।

33.ॐ द्विरदायै नमः।

34.ॐ आराद्यै नमः।

35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः।

36.ॐ महाविद्यायै नमः।

37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः।

38.ॐ कामाक्ष्यै नमः।

39.ॐ कुलायै नमः।

40.ॐ श्रीयै नमः।

41.ॐ भूम्यै नमः।

42.ॐ भवित्र्यै नमः।

43.ॐ सावित्र्यै नमः।

44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः।

45.ॐ शंखिन्यै नमः।

46.ॐ चक्रिण्यै नमः।

47.ॐ चारिण्यै नमः।

48.ॐ चपलेक्षणायै नमः।

49.ॐ पीताम्बरायै नमः।

50.ॐ प्रोत सोमायै नमः।

51.ॐ सौरसायै नमः।

52.ॐ अक्षिण्यै नमः।

53.ॐ अम्बायै नमः।

54.ॐ सरस्वत्यै नमः।

55.ॐ सम्श्रयायै नमः।

56.ॐ सर्व देवत्यै नमः।

57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः।

58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः।

59.ॐ सुवासनायै नमः।

60.ॐ वरदायै नमः।

61.ॐ सुश्रोण्यै नमः।

62.ॐ चन्द्रभागायै नमः।

63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः।

64.ॐ कावेर्यै नमः।

65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः।

66.ॐ अर्चिन्यै नमः।

67.ॐ स्थायिन्यै नमः।

68.ॐ दानप्रदायै नमः।

69.ॐ धनवत्यै नमः।

70.ॐ सोच्यमानसायै नमः।

71.ॐ शुचिन्यै नमः।

72.ॐ श्रेयस्यै नमः।

73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः।

74.ॐ विभूत्यै नमः।

75.ॐ आकृत्यै नमः।

76.ॐ आविर्भूत्यै नमः।

77.ॐ प्रभाविन्यै नमः।

78.ॐ गन्धिन्यै नमः।

79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः।

80.ॐ गदायै नमः।

81.ॐ वेद्यायै नमः।

82.ॐ प्रभायै नमः।

83.ॐ सारस्यै नमः।

84.ॐ सरसिवासायै नमः।

85.ॐ सरस्वत्यै नमः।

86.ॐ शरावत्यै नमः।

87.ॐ रसिन्यै नमः।

88.ॐ काळिन्यै नमः।

89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः।

90.ॐ यामायै नमः।

91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः।

92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः।

93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः।

94.ॐ शमनिधिन्यै नमः।

95.ॐ शतानन्दायै नमः।

96.ॐ शतद्युतये नमः।

97.ॐ शितिकण्ठायै नमः।

98.ॐ प्रयायै नमः।

99.ॐ धात्र्यै नमः।

100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः।

101.ॐ कृष्णायै नमः।

102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः।

103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः।

104.ॐ हरायै नमः।

105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः।

106.ॐ भूम्यै नमः।

107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः।

108.ॐ श्री तुलस्यै नमः।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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