Cash for Query case: संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने की कथित आरोपी महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमेटी की जांच पूरी होने के बाद गुरुवार को पैनल ने इसको मंजूरी दे दी। जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव था। जांच रिपोर्ट की मंजूरी के दौरान 6 सदस्य पक्ष में रहे तो 4 मंजूरी के विरोध में रहे। कल इस रिपोर्ट को एंटी करप्शन पैनल को भेजा जाएगा। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
निष्कासन की दी गई मंजूरी
महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच कर रही संसदीय आचार समिति ने संसद से उनके निष्कासन की सिफारिश को मंजूरी दे दी। छह सदस्यों ने सिफारिश के पक्ष में और चार ने इसके खिलाफ मतदान किया। ड्राफ्ट रिपोर्ट में उनके कार्यों को अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक पाते हुए उनकी सदस्यता रद्द करने का सुझाव दिया गया था। लेकिन विपक्षी सांसदों ने तमाम आपत्तियां जताई थी। मीटिंग में इसको लेकर सुना जाना था। पैनल ने वोटिंग से रिपोर्ट को मंजूरी दी। छह सदस्यों ने रिपोर्ट की सिफारिशों के पक्ष में वोट किया जबकि चार ने खिलाफ वोट किया। अब कमेटी की सिफारिश को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपा जाएगा।
More Stories
यूपी उपचुनाव: सबसे ज्यादा मुस्लिम वोट वाले कुंदरकी में ‘रामपुर मॉडल’ जैसा खेला, 31 साल में पहली बार जीत रही BJP!
10 साल… 14 भाषण… 19 सम्मान… PM मोदी ने रच दिया नया इतिहास
महाराष्ट्र के दो और एग्जिट पोल के आए आंकड़े, जानिए किसकी बन सकती है सरकार