Parliament new building उद्घाटन का बहिष्कार: कांग्रेस समेत 19 दलों ने किया बॉयकाट, जानिए कौन-कौन दल होंगे शामिल

Parliament new building inauguration: कांग्रेस समेत विपक्ष के 19 दल संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। बुधवार को इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर बॉयकाट का ऐलान किया। संयुक्त विपक्ष ने कहा, ‘जब संसद से लोकतंत्र की आत्मा को ही खींच लिया गया हो, ऐसे में हमें नई इमारत की कोई कीमत नजर नहीं आती है।’

राहुल और खड़गे की मांग: द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए उद्घाटन

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर चुके हैं। खड़गे ने कहा कि बीजेपी दलित या एससी-एसटी की बात करती है लेकिन जब सम्मान देने की बात आती है तो कुछ नहीं करती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘नए संसद भवन को 60 हजार श्रमयोगियों ने रिकॉर्ड समय में बनाया है। प्रधानमंत्री इस मौके पर सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे। इसे राजनीति से ना जोड़ें। राजनीति तो चलती रहती है। हमने सबको आमंत्रित किया है। हमारी इच्छा है कि सभी इस कार्यक्रम में हिस्सा लें।’

इन दलों ने किया नई संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP), तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल-यूनाइटेड (JDU), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे का शिवसेना गुट, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, झारखंड मुक्ति मोर्चा, केरला कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरूथाइगल कच्छी, राष्ट्रीय लोक दल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, रेवॉल्युशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरूमलारची द्रविड मुनेत्रद कडगम (MDMK) इस कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे।

इन दलों ने कहा-शामिल होंगे

ओडिशा की बीजू जनता दल, पंजाब की शिरोमणि अकाली दल और आंध्र प्रदेश के YSR कांग्रेस ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने का फैसला किया है।

एनडीए ने विपक्ष पर साधा निशाना

भाजपा के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिर एलायंस ( NDA) भारत के विपक्षी दलों के फैसले पर कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान है। पिछले 9 सालों में, विपक्ष ने संसदीय प्रक्रियाओं पर कोई ध्यान नहीं दिया, संसद के सत्रों को बाधित किया,वॉकआउट किया। संसद के प्रति विपक्ष का घोर अनादर बौद्धिक दिवालिएपन को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए अवमानना ​​​​करता है। विपक्ष का यह स्टैंड राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का और SC, ST का सीधा अपमान है।

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