जानी मानी बिजनेसवुमन और सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव रहने वाली पूर्णा पटेल ने बताया कि कैसे पीसीओडी के चलते उनका वजन 100 किलो के पार चला गया था. उन्होंने अपने वेट गेन करने की दिक्कतों को साझा किया है.
Poorna patel weight gain : भारत की जानी मानी बिजनेसवुमन और सोशल मीडिया पर लोकप्रिय सेलेब्रिटी पूर्णा पटेल (Poorna Patel) को सभी जानते हैं. पूर्णा सोशल सर्किल में काफी लोकप्रिय हैं और महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी साक्षी धोनी से उनकी काफी गहरी दोस्ती है. आज स्लिम ट्रिम और फिट नजर आने वाली पूर्णा बचपन में अपने ज्यादा वजन (weight gain) को लेकर काफी परेशान रही हैं. एक इंटरव्यू में अपने ज्यादा वजन और अपनी वेट लॉस जर्नी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 13 साल की उम्र में उनका वजन 109 किलो था. पूर्णा ने टीनएज में पीसीओडी (PCOD)को लेकर अपने संघर्ष पर खुलकर बात की.
पूर्णा पटेल ने पीसीओडी पर की बात (Poorna Patel opens up about PCOD)
उन्होंने कहा कि मेरी ओवरी में खरबूजे के आकार के सिस्ट थे. इसके चलते मुझे एक बड़ा ऑपरेशन करवाना पड़ा. उन्होंने कहा कि पीसीओडी बहुत परेशानी की चीज है. इसे केवल बर्थ कंट्रोल पिल्स के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है. लेकिन हमारे जमाने में आज की तरह एडवांस बर्थ कंट्रोल पिल्स नहीं थी. ऑपरेशन के बाद उन बर्थ कंट्रोल पिल्स को खाने से मेरा वजन 55 से बढ़कर 109 किलो हो गया था. पूर्णा ने अपने बढ़े वजन के चलते होने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा जब बाकी लोग मौज मस्ती कर रहे थे, तरह तरह के जूते और कपड़े खरीद रहे थे, मैं अमेरिका में अपने लिए 18 नंबर साइज की डेनिम खोजने में मेहनत कर रही थी. पूर्णा की बात बिलकुल सही है. उनकी तरह ढेर सारी महिलाएं पीसीओडी से संघर्ष कर रही हैं.
पीसीओडी और बढ़ते वजन के बीच क्या है संबंध (relation between PCOD and weight gain)
डॉक्टर कहते हैं कि जिन लोगों को पीसीओडी होता है, उन लोगों के शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध होने के कारण वजन बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है. ऐसी सिचुएशन में शरीर सही तौर पर इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है. ऐसे में ज्यादा इंसुलिन का उत्पादन होता है और इससे भूख बढ़ जाती है. भूख बढ़ने से शरीर में फैट जमा होने लगता है. ऐसे में वजन कंट्रोल करने के लिए सही डाइट, नियमित एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल में हेल्दी बदलाव करके वजन को कंट्रोल किया जा सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
NDTV India – Latest
More Stories
कुंदरकी में 65% मुस्लिम वोट लेकिन फिर भी जीत गई BJP, यूपी के मुसलमानों ने क्यों दिया वोट?
महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद इन छह दिग्गज नेताओं का क्या है भविष्य?
झारखंड में फिर एक बार हेमंत सरकार… पहली बार किसी गठबंधन को दो तिहाई बहुमत