No Confidence Motion: संसद के मानसून सत्र में जिस मणिपुर पर चर्चा और पीएम मोदी के बयान के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, उसी मणिपुर पर कोई खास बयान पीएम से नहीं दिला पाया। अपने 2 घंटा 12 मिनट के मैराथन भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने पूरा समय कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को कोसने में भी गंवा दिए। उन्होंने कहा कि यूपीए को लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल कर विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है। ये इंडिया गठबंधन नहीं है। ये घमंडिया गठबंधन है। इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है। सबको प्रधानमंत्री बनना है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग होगी।
हालांकि, मणिपुर पर चर्चा नहीं किए जाने पर विपक्ष पहले तो एक घंटे तक भाषण सुनता रहा लेकिन वी वांट मणिपुर के नारे लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर गया। पीएम के भाषण के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव गिरा दिया। संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को संस्पेंड कर दिया गया जबकि बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को बरी कर दिया गया।
पीएम मोदी का पूरा स्पीच विस्तार से…
यह सरकार का नहीं, विपक्ष का फ्लोर टेस्ट
मैं भगवान का आशीर्वाद मानता हूं कि उन्होंने विपक्ष को सुझाया और वे इसका प्रस्ताव लेकर आए। 2018 में भी वे अविश्वास प्रस्ताव लाए थे। तब मैंने कहा था कि यह हमारी सरकार के लिए फ्लोर टेस्ट नहीं है। उन्हीं का फ्लोर टेस्ट है। हुआ भी वही। जब मतदान हुआ, तो विपक्ष के पास जितने वोट थे, उतने भी जमा नहीं कर पाए थे।
विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ
इतना ही नहीं, जब हम सब जनता के पास गए तो जनता ने भी पूरी ताकत के साथ इनके लिए नो कॉन्फिडेंस घोषित कर दिया। चुनाव में एनडीए को कहीं ज्यादा सीटें मिलीं। एक तरह से विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता है। एनडीए और बीजेपी 2024 के चुनाव में पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनता के आशीर्वाद से वापस आएगी।
आपके लिए राजनीति प्राथमिकता
विपक्ष के प्रस्ताव पर 3 दिनों से यहां काफी चर्चा हुई है। अच्छा होता कि सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्ष गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेता। बीते दिनों इसी सदन ने और दोनों सदनों ने जनविश्वास बिल, मेडिकल बिल, डेंटल कमीशन बिल जैसे कई महत्वपूर्ण बिल यहां पारित किए। लेकिन आपके लिए राजनीति प्राथमिकता है। देश की जनता ने जिस काम के लिए उन्हें यहां भेजा, उस जनता से भी विश्वासघात किया गया है।
आप लोग तैयारी करके नहीं आए
आप जुटे तो अविश्वास प्रस्ताव पर जुटे। कट्टर भ्रष्ट साथी की सलाह पर मजबूर होकर जुटे। इस अविश्वास प्रस्ताव पर भी आपने कैसी चर्चा की। सोशल मीडिया पर आपके दरबारी भी बहुत दुखी हैं। मजा इस डिबेट का…फील्डिंग विपक्ष ने ऑर्गनाइज की, लेकिन चौके-छक्के यहीं से लगे। विपक्ष नो-कॉन्फिडेंस पर नो बॉल कर रहा है और इधर से सेंचुरी हो रही है। आप तैयारी करके क्यों नहीं आते जी।
देश के लिए यह समय बेहद अहम
हम सब ऐसे टाइम पीरियड में हैं, चाहे हम हों या आप… ये टाइम पीरियड बेहद अहम है। कालखंड जो गढ़ेगा, उसका प्रभाव इस देश पर आने वाले 1000 साल तक रहने वाला है। इस कालखंड में हम सबका दायित्व है, एक ही फोकस होना चाहिए कि देश का विकास, सपने पूरे करने का संकल्प, सिद्ध करने के लिए जी-जान से जुटना।
अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता का आत्मविश्वास तोड़ा
हमने युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है। दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को संभाला है। अभी भी कुछ लोग कोशिश में हैं कि साख को दाग लग गए। विश्व का विश्वास भारत में बढ़ता चला जा रहा है। इस दौरान हमारे विपक्ष ने क्या किया। इन्होंने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है।
भारत की उपलब्धियों पर विपक्ष को अविश्वास
पिछले 5 साल में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। IMF लिखता है कि भारत ने अति गरीबी को करीब-करीब खत्म कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है जल जीवन के जरिए 4 लाख लोगों की जान बच रही है। यूनीसेफ ने कहा कि स्वच्छ भारत के कारण हर साल गरीबों के 50 हजार रुपए बच रहे हैं। इन उपलब्धियों पर कांग्रेस समेत विपक्ष के कुछ दलों को अविश्वास है। जो सच्चाई दुनिया दूर से देख रही है, वो यहां रहकर नहीं देख पा रहे हैं।
देश के मंगल पर आपने काले कपड़े पहने, इसका धन्यवाद
अविश्वास और घमंड इनकी रगों में रच-बस गया है। वे जनता के विश्वास को कभी देख नहीं पाते। ये जो शुतुरमुर्ग एप्रोच है, इसके लिए देश क्या कर सकता है। जब शुभ, मंगल होता है, बच्चा साफ-सुथरा होता है तो काला टीका लगा देते हैं। आज जो देश का मंगल हो रहा है, वाहवाही हो रही है, आपका धन्यवाद करता हूं कि काले टीके के रूप में, काले कपड़े में सदन में आकर आपने इस मंगल को निश्चित करने का काम किया।
जिन चीजों की बुराई की, उनका भला हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के लोगों को सीक्रेट वरदान मिला है। वरदान यह कि यह लोग जिसका बुरा चाहते हैं, उसकी भलाई ही होती है। एक उदाहरण मैं ही हूं। 20 साल हो गए। क्या कुछ नहीं मेरे खिलाफ हुआ लेकिन मुझे कुछ नहीं हुआ। मैं तीन उदाहरण से सिद्ध कर सकता। इन लोगों ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर डूब जाएगा, देश बर्बाद हो जाएगा। बड़े-बड़े विद्वानों को विदेश से लाकर कहलवाया। इन्होंने बुरा चाहा बैंकों का और ऐसा हुआ नहीं। दूसरा उदाहरण-डिफेंस के हेलीकॉप्टर बनाने वाली सरकारी कंपनी एचएएल की। एचएएल को लेकर कितनी बातें कही थी। एचएएल के तबाह होने वाली बात कही थी। मजदूरों, कामगारों को भड़काया गया। दुनिया को भड़काया। लेकिन हुआ उसके उल्टा। आज एचएएल सफलता की ऊंचाई को छू रहा।
तीसरा उदाहरण- एलआईसी के लिए कहा गया था कि एलआईसी बर्बाद हो गई। गरीबों का पैसा डूब गया। लेकिन आज एलआईसी लगातार मजबूत हो रही है। शेयर मार्केट पर नजर रखने वालों को कहूंगा आप सरकारी कंपनियों पर दांव लगा दीजिए, वादा है पैसा नहीं डूबेगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग जिन संस्थाओं के डूबने की बात करते उसका भाग्य चमक जाता।
विपक्ष ने देश के विश्वास को तोड़ा
पीएम मोदी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में भारत के विश्वास को तोड़ने का काम किया गया है। रिकॉर्ड निवेश भारत में आ रहा है। आज रिकॉर्ड एक्सपोर्ट भारत में हो रहा है। भारत आगे बढ़ रहा है। देश में गरीबी तेजी से घट रही है। नीति आयोग के रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में साढ़े तेरह करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं। आईएमएफ कहता है कि भारत ने अति गरीबी को खत्म कर दिया है। आईएमएफ ने हमारे सोशल वेलफेयर स्कीम की तारीफ की है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत में जलजीवन मिशन के जरिए देश में चार लाख लोगों की जान बच गई। स्वच्छ भारत मिशन से तीन लाख लोगों को मरने से बचाया है।
फील्डिंग विपक्ष ने लगाया लेकिन चौक्के छक्के यहीं से
पीएम मोदी ने कहा कि मजा है इस डिबेट का। फील्डिंग तो विपक्ष ने लगाया लेकिन चौक्के-छक्के यहीं से लगे। विपक्ष को तैयारी करके आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पांच साल दिया लेकिन फिर भी यह तैयारी नहीं करके आए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को दिखास की और छपास की इच्छा है। लेकिन वह नहीं जानते कि देश उनको देख रहा है। उनके एक एक शब्दों को सुन रहा है। विपक्ष ने देश को हर बार निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया।
भगवान का आशीर्वाद मानता हूं
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान की मर्जी से विपक्ष ने लाया है अविश्वास प्रस्ताव। 2018 में भी अविश्वास प्रस्ताव लाया था। उस समय भी मैंने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव हमारी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं बल्कि विपक्ष का ही फ्लोर टेस्ट है। वाकई जब मतदान हुआ तो विपक्ष के पास जितना वोट था, उतना भी वह जमा नहीं कर पाए। जब हम जनता में गए तो जनता ने भी इनके लिए नो कंफिडेंस घोषित कर दिया। चुनाव में एनडीए को भी ज्यादा सीटें मिली और बीजेपी को भी अधिक सीटें मिली। विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव हमारे लिए शुभ होता।
पूरे देश से कांग्रेस नो कंफिडेंस
पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु में 61 वर्षों से कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस नो कंफिडेंस। पश्चिम बंगाल में आखिरी जीत 51 साल पहले मिली थी। वहां के लोग कह रहे हैं कांग्रेस नो कंफिडेंस। यूपी-बिहार में 1985 में आखिरी जीत कांग्रेस को नसीब हुई। तबसे कांग्रेस नो कंफिडेंस। त्रिपुरा भी कह दिया कांग्रेस नो कंफिडेंस। नागालैंड में कांग्रेस की आखिरी जीत 1988 में हुई थी। यहां के लोग भी कह रहे 25 वर्षों से कांग्रेस नो कंफिडेंस। दिल्ली-पश्चिम बंगाल और आंध प्रदेश में एक भी विधायक नहीं। यहां कांग्रेस को लोग लगातार नो कंफिडेंस बोल रहे।
विपक्ष पर किया कटाक्ष
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के साथियों के साथ मैं अपनी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ ही दिन पहले बेंगलुरू में मिल जुलकर आपने डेढ़ दो दशक पुराने यूपीए का अंतिम संस्कार किया है। लोकतांत्रिक व्यवहार के नाते मुझे तभी संवेदना व्यक्त करना चाहिए था। देरी में मेरा कसूर नहीं है। क्योंकि आप खुद ही एक ओर क्रिया कर्म कर रहे थे तो दूसरी ओर जश्न भी मना रहे थे। जश्न भी खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का।
कांग्रेस की पहचान से जुड़ी कोई चीज इनकी अपनी नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की पहचान से जुड़ी कोई चीज इनकी अपनी नहीं है। चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक जो कांग्रेस अपना होने का दावा करती है वह दूसरे से लिया गया है। अपनी कमियों को ढकने के लिए चुनाव चिन्ह और विचारों को चुरा लिया। पार्टी के संस्थापक कौन एओ ह्यूम। एक विदेशी थे जिन्होंने पार्टी बनाई। भारत के स्वतंत्रता संग्राम को 1920 में एक ध्वज और प्रतीक मिला। लेकिन कांग्रेस ने उसे छीन लिया। 1920 से यह खेल चल रहा है। तिरंगा छीन लिया। गांधी नाम भी चुरा लिया।
कांग्रेस के चुनाव चिन्ह देखिए, दो बैल, गाय बछड़ा और फिर हाथ का पंजा। यह साफ दिखाता है कि सबकुछ एक परिवार के हाथों केंद्रित हो चुका है। यह इंडिया गठबंधन नहीं है, यह घमंडिया गठबंधन है। इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है। सबको प्रधानमंत्री बनना है। इस गठबंधन ने यह भी नहीं सोचा कि किस राज्य में कहां हैं। पश्चिम बंगाल में आप टीएमसी और कम्युनिस्ट के खिलाफ हैं और दिल्ली में एक साथ हैं।
कांग्रेस को परिवारवाद पसंद, दरबारवारद पंसद
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हमेशा परिवारवादी राजनीति का विरोध किया था। महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ अंबेडकर, मौलाना आजाद, लोकनायक जय प्रकाश, डॉ लोहिया…आप जितने भी नाम देखेंगे, सबने परिवारवाद की खुलकर आलोचना की। क्योंकि परिवारवाद ने देश का नुकसान किया। परिवारवाद ने देश के नागरिकों को उनके हक से वंचित किया। देश की विभूतियों को यह बात पता थी। लेकिन कांग्रेस को यह बात पसंद नहीं आई। कांग्रेस को परिवारवाद पसंद है।
कांग्रेस को दरबारवाद पसंद है। उन्होंने कहा कि दरबारवाद में जो शामिल नहीं हुए उनकी कांग्रेस खिलाफत करती। बाबा साहेब अंबेडकर को जी जान से हरवाया। बाबू जगजीवन राम, चंद्रशेखर, चौधरी चरण सिंह और न जाने कितने नाम है उनको बर्बाद कर दिया। जो कांग्रेस से जुड़े नहीं थे उनके पोट्रेट तब दरबार हाल में नहीं लगवाते। लोहिया जी का पोट्रेट में 1991 में लगी। नेताजी की पोट्रेट 1978 में गैर कांग्रेसी सरकार में लगा।
ये नामदार लोग हैं और हम कामदार लोग हैं
पीएम मोदी ने कहा कि कई बार बुरा बोलते वक्त सच सामने आ जाता है। लंका हनुमान ने नहीं जलाई बल्कि घमंड ने जलवायी। इसलिए हम चार से 440 हो गए। सच्चाई तो यह है कि देश की जनता ने दो दो बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई। लेकिन गरीब का बेटा कैसे पीएम बना, यह चुभन आज भी परेशान करती है। वह आपको सोने नहीं देती है। अब देश की जनता भी आपको सोने नहीं देगी। 2024 में भी आपको सोने नहीं देगी।
कभी इनके जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते थे। आज उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाता है। एक जमाना था जब ड्राइक्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते थे लेकिन आज हवाई चप्पल वाला गरीब हवाई जहाज से उड़ता है। कभी छुट्टी मनाने के लिए नौ सेना के युद्धपोत मंगाते थे। आज उसी नौ सेना के जहाज दूर देशों में फंसे गरीबों को घर लाने के लिए जाते हैं। जो लोग आचार व्यवहार और चाल-चरित्र से राजा बन गए हों, वे गरीब का बेटा यहां होने से परेशान हैं। ये नामदार लोग हैं और हम कामदार लोग हैं।
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