Rahul Gandhi defamation case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सांसद के रूप में अयोगयता बरकरार रहेगी। गुजरात हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राहुल गांधी के मानहानि केस में सजा पर रोक लगाने के अनुरोध को खारिज कर दिया। 2019 में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी करने पर हुए मानहानि के केस में कांग्रेस नेता को दो साल की सजा दी गई थी। हाईकोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी की सजा उचित और कानूनी है।
अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को हाईकोर्ट से झटका मिलने के बाद अब वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उनकी अयोग्यता कायम है इसलिए 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में उनके संसद में वापस आने की संभावना नहीं है। हालांकि, अगर सुप्रीम कोर्ट भी राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर देता है तो राहुल गांधी लोकसभा का अगले साल होने वाले आम चुनाव में प्रत्याशी नहीं बन सकेंगे।
सूरत कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी
53 वर्षीय राहुल गांधी को 2019 के लोकसभा अभियान के दौरान उनके भाषण के लिए 23 मार्च को गुजरात में मानहानि के एक मामले में दो साल की दुर्लभ सजा सुनाई गई थी। बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दायर किया था। दरअसल, राहुल गांधी ने एक जनसभा में कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी एक जैसा कैसे हो गया? कोर्ट के दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद केरल के वायनाड के सांसद राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
राहुल गांधी ने सूरत की एक सत्र अदालत में आदेश को चुनौती दी और अनुरोध किया कि उनकी दोषसिद्धि को निलंबित कर दिया जाए। 20 अप्रैल को अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
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