Rakesh Tikait: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार (16 अप्रैल) को कहा कि भारत में दो तरह के हिंदू हैं- नागपुरिया और भारतीय हिंदू। भाजपा और आरएसएस ने देश के हिंदुओं को दो कैटेगरी में बांट दिया है। भगवान राम भारतीयों के लिए आस्था का विषय हैं। उनके नाम का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
आरएसएस और बीजेपी मिलकर गांवों में मंदिरों पर कब्जा कर लेंगे। राम हमारे दिलों में हैं। गांवों में लोगों से ज्यादा राम का नाम कोई नहीं लेता। जब वे एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं तो वे अब भी राम-राम कहते हैं, नमस्ते और प्रणाम नहीं कहते हैं। आरएसएस और बीजेपी राम को राजनीति से क्यों जोड़ रहे हैं? कोई हिंदू जो बीजेपी का सर्पोट नहीं करता तो क्या वो राम मंदिर नहीं जा सकता। केवल बीजेपी का सपोर्ट करने वाले ही जा सकते हैं।
राकेश टिकैत, एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान
नागपुर से आएगा क्या हिंदू होने का प्रमाणपत्र ?
राकेश टिकैट ने कहा कि आरएसएस का हेडक्वार्टर महाराष्ट्र के नागपुर में है। मुझे अफसोस है कि कुछ किसान नागपुरिया हिंदू बन रहे हैं। देश में अब दो तरह के हिंदू हो गए हैं। लोगों को सोचना चाहिए कि वे नागपुरिया हिंदू हैं या भारतीय हिंदू। क्या हिंदू होने का प्रमाणपत्र नागपुर से आएगा?
370 सीटों का लक्ष्य आर्टिकल 370 से जुड़ा
बीजेपी के लोकसभा चुनाव में 370 सीटें और NDA के 400 सीट जीतने के दावे पर टिकैट ने कहा कि भाजपा 365 सीटें जीतने के लिए ‘एक दिन, एक सीट’ का नया नारा लेकर आ सकती है। 370 सीटों का लक्ष्य आर्टिकल 370 से जुड़ा हुआ है। भाजपा यह भी दिखाना चाहती है कि वे अपने सहयोगियों से अधिक सीटें जीत सकते हैं। क्या यह मैच फिक्सिंग जैसा नहीं है?”
लोग बीजेपी का विरोध कर रहे
बीजेपी को 400 से अधिक सीटें मिलने का भरोसा है तो चुनाव की जरूरत क्या है। सरकार बदलने के लिए एक नीति लाएं, चुनाव पर इतना खर्च करने की जरूरत क्या है। लोग बीजेपी का विरोध कर रहे हैं। कोई उनकी बैठकों में नहीं जाता और वे 400 पार करने की बात कर रहे हैं। बीजेपी को ये सीटें कहां से मिल रही हैं। क्या ऐसा नहीं लगता कि कुछ हेरफेर हुआ है। बीजेपी दावा करती है कि विपक्षी दल EVM से छेड़छाड़ के झूठे आरोप उन पर लगाती है। इसका कारण यह है कि बीजेपी की अपनी हार का पता है।
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