Sanjay Raut की ED हिरासत बढ़ी, ज्यूडिशियल कस्टडी में रहना होगा 5 सितंबर तक

मुंबई। शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को 5 सितंबर तक जेल में रहना होगा। सोमवार को मुंबई के एक विशेष कोर्ट ने राउत की ज्यूडिशियल कस्टडी 5 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया। पात्रा चॉल घोटाला की जांच कर रही ईडी (Enforcement Directorate) ने संजय राउत को गिरफ्तार किया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है।

मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल के रिडेवलपमेंट में हुई वित्तीय अनियमितताओं के मामले में ईडी ने संजय राउत को 1 अगस्त को गिरफ्तार किया था। ईडी की कस्टडी पूरी होने के बाद कोर्ट ने राउत को 8 अगस्त को 14 दिन की न्यायीक हिरासत में भेज दिया था। सोमवार को स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) संबंधी मामले की सुनवाई की और राउत की न्यायीक हिरासत 5 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया।

राउत और उनकी पत्नी को मिले पैसे की जांच कर रही ईडी

ईडी ने कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच अभी जारी है। पात्रा ‘चॉल’ के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और इस मामले में संजय राउत व उनकी पत्नी तथा सहयोगियों के बीच हुए पैसे के लेनदेन की जांच ईडी कर रही है। राउत महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी हैं। राउत ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को गलत बताया है।

पात्रा चॉल जमीन घोटाला क्या है?

पात्रा चॉल मुंबई के गोरेगांव में बनी है। यह महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी (MHADA) की जमीन है। इसमें 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। जिस जमीन पर ये फ्लैट रिडेवलप होने थे, उसका एरिया 47 एकड़ था। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने MHADA को धोखे में रख बिना फ्लैट बनाए ही ये जमीन 9 बिल्डरों को बेच दी। इससे उसे 902 करोड़ रुपए मिले। बाद में गलत तरीके से कमाए इन पैसों का एक हिस्सा अपने करीबी सहयोगियों को ट्रांसफर कर दिया।

आरोप है कि रियल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। बाकी MHADA और उक्त कंपनी को दिए जाने थे। लेकिन 2011 में इस जमीन के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया।

2020 में कोरोना काल के दौरान महाराष्ट्र में PMC बैंक घोटाला सामने आया था। जब इस घोटाले की जांच हो रही थी, तभी प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। इसी दौरान पता चला कि बिल्डर प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा के खाते में 55 लाख रुपए भेजे गए थे।। ED की टीम इसी बात की जांच कर रही है कि ये ट्रांजेक्शन क्यों किया गया। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था।