3346 इलेक्टोरल बॉन्ड किस कंपनी के हैं जिनको छुपा रहा SBI? राहुल गांधी बोले-यह दुनिया का सबसे बड़ा वसूली रैकेट

Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड डिटेल के चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित होने के बाद कांग्रेस ने एसबीआई और मोदी सरकार पर बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 22217 बॉन्ड जारी किए गए थे लेकिन वेबसाइट पर केवल 18817 बॉन्ड ही प्रकाशित हैं। आखिरकार मोदी सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है। एसबीआई ने 3346 बॉन्ड्स के डिटेल क्यों नहीं उपलब्ध कराए। माकन ने मांग किया कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में एक जांच कमेटी गठित हो और बीजेपी का अकाउंट तत्काल फ्रीज किया जाए।

इलेक्टोरल बॉन्ड दुनिया का सबसे बड़ा वसूली रैकेट

राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि चुनावी बांड योजना दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज है। कुछ साल पहले, प्रधान मंत्री ने राजनीतिक वित्त प्रणाली को साफ करने के लिए चुनावी बांड (योजना) तैयार करने का दावा किया था। यह पता चला है कि यह भारत के सबसे बड़े कॉरपोरेट्स से पैसे निकालने का तरीका था। इसका मतलब कॉरपोरेट्स को डराने-धमकाने के लिए था। उन्होंने कहा कि यह दुनिया का सबसे बड़ा जबरन वसूली रैकेट है…मुझे उम्मीद है कि जांच होगी।

कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप?

प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने ट्वीटर हैंडल पर सवाल किया कि कल जब सूची आई तो 2018 से जारी किए गए कुल 22,217 बांड थे लेकिन वेबसाइट पर केवल 18,871 बांड प्राकशित किए गए हैं। 3,346 बांडों का विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है; एसबीआई ने उन्हें उपलब्ध नहीं कराया है।

कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने पूछा कि वे कौन लोग हैं जिन्हें मोदी सरकार बचाने की कोशिश कर रही है? जांच होनी चाहिए। जांच में आईटी और ईडी छापों को इन बांडों से जोड़ा जाना चाहिए। चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाली अधिकांश कंपनियों पर या तो आईटी या ईडी द्वारा छापा मारा गया है; उन्होंने भाजपा के दबाव में बांड खरीदे। कांग्रेस ने दो मांग की है। पहला-माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जांच कराई जाए और दूसरा-भाजपा के खातों को तत्काल फ्रीज किया जाए।