नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर सुपर वासुकी (Super Vasuki) स्पेशल फ्रेट ट्रेन की सफल टेस्टिंग की है। स्पेशल ट्रेन- छत्तीसगढ़ के कोरबा और नागपुर के राजनांदगांव के बीच चलाई गई। एक इंजन ने फर्राटे के साथ 295 वैगन्स को लेकर करीब 267 किलोमीटर की यात्रा तय की है। मालगाड़ियों के पांच रैक को मिलाकर स्पेशल टेस्ट रन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह का हिस्सा था। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने दोपहर 1:50 बजे कोरबा से मालगाड़ी को हरी झंडी दिखाई। ट्रेन ने 267 किमी की दूरी तय करने के लिए 11 घंटे 20 मिनट में अपनी यात्रा पूरी की।
यह (Super Vasuki) रेलवे द्वारा चलाई जाने वाली अब तक की सबसे भारी और सबसे लंबी मालगाड़ी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने छत्तीसगढ़ के कोठारी रोड स्टेशन को पार करते हुए ट्रेन का एक वीडियो साझा किया। एक स्टेशन को पार करने में ट्रेन को लगभग चार मिनट का समय लगा।
अधिकारियों के अनुसार, सुपर वासुकी (Super Vasuki) द्वारा ले जाया गया भार एक पूरे दिन के लिए 3000 मेगावाट बिजली संयंत्र संचालित करने के लिए पर्याप्त था। ट्रेन की क्षमता मौजूदा रेलवे रेक (प्रत्येक में 100 टन वाली 90 कारें) की तीन गुना थी, जो एक यात्रा में लगभग 9,000 टन कोयला ले जाती है।
अधिकारियों ने कहा कि रेलवे का इरादा अधिक लंबी मालगाड़ियों का उपयोग करने का है। इससे विशेष रूप से बिजली स्टेशनों की ईंधन की कमी को रोका जा सकता है। उस समय और उपयोगी साबित होगा जब कोयले की डिमांड पीक सीजन में सबसे अधिक होती है। इस साल की शुरुआत में, देश को कोयले की कमी के कारण गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ा था।