November 15, 2024
Swiggy के Ipo की बंपर लिस्टिंग के साथ ही 500 कर्मचारी बने ‘करोड़पति’, कहानी सुन रह जाएंगे हैरान

Swiggy के IPO की बंपर लिस्टिंग के साथ ही 500 कर्मचारी बने ‘करोड़पति’, कहानी सुन रह जाएंगे हैरान​

SWIGGY IPO Success Story: स्विगी ने अपने एम्पलाई शेयर ओनरशिप प्रोग्राम (ईसॉप) के तहत निर्गम की उच्च मूल्य सीमा 390 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 9,000 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किये हैं. जिसमें 5000 पूर्व और वर्तमान कर्मचारी को कंपनी के शेयर दिए गए थे.

SWIGGY IPO Success Story: स्विगी ने अपने एम्पलाई शेयर ओनरशिप प्रोग्राम (ईसॉप) के तहत निर्गम की उच्च मूल्य सीमा 390 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 9,000 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किये हैं. जिसमें 5000 पूर्व और वर्तमान कर्मचारी को कंपनी के शेयर दिए गए थे.

Swiggy Success Story: स्विगी ने शेयर बाजार में दस्तक देने के साथ ही धमाल मचा दिया है. स्विग्गी ने लिपस्टिक के साथ ही अपने करीब 500 कर्मचारियों को करोड़पति बना दिया है.कंपनी के शेयर की लिस्टिंग शेयर मार्केट में हाल के समय में एक बड़ा इवेंट बन गया है और इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों को शेयर देकर उनकी जिंदगी बदल दी है. लेकिन यह करोड़ का खेल शुरू कैसे हुआ इसकी शुरुआत कहां से हुई आईए जानते हैं….

कब और कैसे हुई स्विगी की शुरुआत?

दरअसल, ये कहानी 2014 की है जब स्विगी की शुरुआत हुई.स्विगी की शुरुआत तीन दोस्तों श्रीहर्ष मजेटी, राहुल जेमिनी और नंदन रेड्डी ने 2014 में की थी और आज यह भारत की सबसे बड़ी फूड डिलीवरी कंपनियों में से एक बन चुकी है.

स्विगी की सफलता के पीछे किसका दिमाग?

श्रीहर्ष और राहुल ने बिट्स पिलानी से पढ़ाई की थी. राहुल की लंदन में एक बैंक में नौकरी भी लग गई थी लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा. वह अपने दोस्त श्रीहर्ष के साथ भारत लौटे और कुछ बड़ा करने का सोचा. भारत लौटने के बाद इन दोनों ने एक लॉजिस्टिक कंपनी शुरू की लेकिन वह बिजनेस कुछ खास नहीं चल पाई.

इसके बाद उनके तीसरे दोस्त नंदन ने इन्हें ज्वॉइन किया और तीनों ने मिलकर एक नई सोच बनाई, एक ऐसी फूड डिलीवरी कंपनी जो लोगों के लिए खाना ऑर्डर करना और उसे जल्दी डिलीवर करना आसान बना सके . इस तरह स्विगी की शुरुआत हुई. स्विगी की सफलता के पीछे इन तीनों का दिमाग है.

शुरुआत में स्विगी के पास 5डिलीवरी बॉय और 12 रेस्टोरेंट थे लेकिन इनकी मेहनत और इस नई सोच में एक साल के अंदर ही 500 से ज्यादा रेस्टोरेंट जोड़ दिए और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

5,000 में से 500 कर्मचारी करोड़पति की सूची में शामिल

बेंगलुरु स्थित कंपनी स्विगी ने न सिर्फ बिजनेस में सफलता पाई बल्कि अपने कर्मचारियों के भविष्य को भी संवार दिया.कंपनी ने अपने एम्पलाई शेयर ओनरशिप प्रोग्राम (ईसॉप) के तहत निर्गम की उच्च मूल्य सीमा 390 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 9,000 करोड़ रुपये के शेयर आवंटित किये हैं.जिसमें 5000 पूर्व और वर्तमान कर्मचारी को कंपनी के शेयर दिए गए थे. अब जब कंपनी का शेयर बाजार में लिस्ट हुआ तो उन शेयरों की कीमत काफी बढ़ गई जिससे उन कर्मचारियों को बड़ा मुनाफा हुआ . 5,000 में से 500 कर्मचारी करोड़पति की सूची में शामिल हो गये हैं.

स्विगी का मार्केट वैल्यू करीब 12 अरब डॉलर

आज स्विगी का मार्केट वैल्यू करीब 12 अरब डॉलर है. इसका आईपीओ लगभग 3:30 गुना ज्यादा सब्सक्राइब हुआ और लिस्टिंग पर इसका शेयर प्रीमियम पर लिस्ट हुआ. इसके चलते करीब 500 कर्मचारी करोड़पति बन गए .आईपीओ की सफलता के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप भी बढ़कर एक लाख करोड रुपए से ज्यादा हो गया. कंपनी का आईपीओ शुक्रवार को बंद हुआ था.

कंपनी के आईपीओ में 4,499 करोड़ रुपये मूल्य के नये शेयर तथा बिक्री पेशकश के अंतर्गत 6,828 करोड़ रुपये के शेयर रखे गये थे.स्विगी के अनुसार, वह नये आईपीओ से प्राप्त आय का उपयोग आईटी फ्रेमवर्क में निवेश, ब्रांड मार्केटिंग और कारोबार के प्रचार-प्रसार, कर्ज भुगतान और अधिग्रहण समेत अन्य कामकाज में करेगी.

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