कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अक्ल दाढ़ काफी तकलीफों के बाद आती है औऱ आने के बाद भी तकलीफ देती है. ऐसे में क्या ये दाढ़ निकाल ही देना चाहिए.
How to Stop Tooth Aches: दांत आने के भी ह्यूमन लाइफ में अलग अलग चरण होते हैं. जिसका पहली बार अहसास बच्चे रहते हुए होता है. जब पहली बार मसूड़े चीर कर दांत बाहर आते हैं. इन्हीं दांतों को दूध के दांत (Doodh ke Dant) भी कहा जाता है. जो एक उम्र के बाद टूट जाते हैं. और, उन दांतों की जगह लेते हैं आम दांत जिन्हें परमानेंट टीथ कहा जाता है. थोड़ी बड़ी एज में अक्ल दाढ़ (Akal Daad) आना शुरू होती है. ये दाढ़ भी जब आती है तो कुछ तकलीफों का सामना करना ही पड़ता है. कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें अक्ल दाढ़ (Akal Daad me sujan) काफी तकलीफों के बाद आती है औऱ आने के बाद भी तकलीफ देती है. ऐसे में क्या ये दाढ़ निकाल ही देना चाहिए. कई लोग इस सवाल का जवाब नहीं में देते हैं.
अधिकांश लोगों का मानना होता है कि अक्ल दाढ़ निकलवाने से नुकसान होता है. इस बारे में एनडीटीवी ने फरीदाबाद स्थित एम्स के डेंटिस्ट डॉ. जुल्फिकार हाफिस से खास बातचीत की और जाना कि किस केस में अक्ल दाढ़ को निकलवा देना ही ज्यादा बेहतर होता है.
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क्या होती है अक्ल दाढ़?
अक्ल दाढ़ दांतों के सेट में सबसे आखिरी वाली दाढ़ को कहा जाता है. आम भाषा में इस दाढ़ को तीसरी दाढ़ भी कहते हैं. ये दाढ़ काफी लेट आना शुरू होती है. कई लोगों को बीस साल की उम्र तक में ये दाढ़ आती है.
अक्ल दाढ़ आने के बाद तकलीफ
चूंकि ये दाढ़ सबसे बाद में आती है इसलिए कई बार इसे जबड़े में पर्याप्त जगह नहीं मिलती है. डॉ. जुल्फिकार हाफिस के मुताबिक जगह न मिल पाने के कारण कई बार दाढ़ आधी आती है और आधी नहीं आ पाती है. कई बार दाढ़े आड़ी तेढ़ी निकलती है और लॉक हो जाती है.
कुछ केसेस में दाढ़ मसूड़ों से बाहर ही नहीं आ पाती है. और, अंदर ही रह जाती है. कई बार दांत हड्डी में ही रह जाता है और मसूड़ों में सिस्ट बन जाती है. जो तकलीफ दे सकती है.
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इस स्थिति में क्या करें?
अगर दाढ़ आधी ही निकल सकी है या आड़ी तेढ़ी निकली है तो उसे निकलवाने के अलावा कोई और रास्ता नहीं होता है. डॉ. जुल्फिकार हाफिस के मुताबिक दाढ़ में अगर दर्द होता है तो इसे डॉक्टर को दिखा लेना बेहतर होता है.
कई बार दाढ़ आने स्वेलिंग भी होती है और उसी के साथ दर्द होता है. ऐसा अगर बार बार होता है तो इंतजार नहीं करना चाहिए. बल्कि डॉक्टर से मशवरा लेकर दांतों को निकाल ही देना ज्यादा बेहतर होता है.
अगर दांत पूरी तरह से बाहर नहीं आया है और उस पर गम कवरेज है तो भी उसे निकलवा देना चाहिए. क्योंकि, ऐसे केसेज में दाढ़ इंफेक्शन का कारण बन सकती है.
हड्डी में अटके दांत को भी निकलवाना ही बेहतर होता है. क्योंकि ये आगे चलकर सिस्ट बन सकते हैं. जो नुकसान पहुंचाती है.
डॉ. जुल्फिकार हाफिस के अनुसार 18 से 20 साल की उम्र में आने वाली दाढ़ अगर सीधी आती है तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन सीधी बाहर न आए तो वो खुद से करेक्ट नहीं होती है. इसलिए उसे निकलवाना ज्यादा बेहतर होता है.
एक बार में निकलवा सकते हैं कितने दांत?
डॉ. जुल्फिकार हाफिस ने बताया कि एक बार में कम से कम तीन दांत निकाले जा सकते हैं. अगर दांत एक ही साइड या आर्च पर हैं तो उन्हें भी साथ में निकाला जा सकता है. डॉ. जुल्फिकार हाफिस कहते हैं कि दांतों का टोटल एक्सट्रेक्शन भी पॉसिबल है. लेकिन उसके लिए फिर जनरल एनेस्थीसिया दिया जाना चाहिए. जब दांत निकलते हैं तब सॉफ्ट फूड ही खाना चाहिए.
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