UP Budget Session Live: उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन भी विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था. सपा विधायकों ने ‘राज्यपाल वापस जाओ’ के नारे लगाए और कुंभ में हुई मौतों के आंकड़े जारी करने की मांग की.
उत्तर प्रदेश बजट सत्र का आज दूसरा दिन है. विधानसभा में आज भी हंगामे के (UP Budget Session Second Day) आसार हैं. बुधवार को सत्र शुरू होते ही सपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया. कोई अस्थि कलश लेकर पहुंचा तो कोई बेड़ियों में जकड़कर पहुंचा. सत्र शुरू होने से पहले समाजवादी नेताओं ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध-प्रदर्शन भी किया. आज भी विपक्षी सदस्य किसानों और बिजली के निजीकरण के मुद्दे पर सदन में हंगामा कर सकते हैं.
सपा विधायक अतुल प्रधान आज गन्ना लेकर विधानसभा पहुंचे हैं. यह वही विधायक हैं जो बुधवार को जंज़ीरों में क़ैद होकर विधानसभा आए थे. वह आज गन्ना किसानों के मुद्दों को लेकर बाइक पर गन्ना लेकर विधानसभा पहुंचे हैं. हालांकि अतुल प्रधान बिना हेलमेट लगाए बाइक पर पीछे बैठे दिखाई दिए.
(हाथ में गन्ना लिए यूपी विधानसभा पहुंचे सपा विधायक अतुल प्रधान)
हाथों में अस्थि कलश लेकर पहुंचे सपा विधायक
बुधवार को यूपी बजट सत्र के पहले ही दिन सत्ता और विपक्ष में जमकर हंगामा हुआ. महाकुंभ के आयोजन को लेकर समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरने की कोशिश की वहीं सपा के आरोपों को बीजेपी ने सिरे से नकार दिया.सपा विधायक हाथों में अस्थि कलश (नैतिकता का अस्थि कलश) लेकर पहुंचे. समाजवादी पार्टी ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति के तहत सत्र शुरू होने से पहले विरोध प्रदर्शन भी किया. सपा नेता शिवपाल यादव ने तो 144 साल के संयोग पर ही सवाल खड़े कर दिए.
(यूपी बजट सत्र के दौरान अस्थि कलश लेकर पहुंचे सपा नेता)
समाजवादी पार्टी ने यूपी सरकार से मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ में मारे गए लोगों की सूची जारी करने की मांग उठाई. सपा के आरोपों पर यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जवाब दिया. वहीं सपा विधायक अतुल प्रधान अमेरिका से लौटे भारतीयों का दर्द बताने के लिए खुद हथकड़ी और बेड़ियां पहनकर धरने पर बैठ गए. इस तरह से विधानसभा के बजट सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा.
(जंजीरों में जकड़कर यूपी विधानसभा पहुंचे सपा विधायक अतुल प्रधान)
महाकुंभ के अलावा सदन में भाषा को लेकर भी विवाद छिड़ गया. दरअसल यूपी विधानसभा में अब हिंदी इंग्लिश के अलावा भोजपुरी, ब्रज, बुंदेली और अवधी में भी सदस्यों को सदन में अपनी बात रखने का अधिकार दिया गया है. इस नई परंपरा को लेकर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने विरोध दर्ज कराया.
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