शनिवार को USAID फंडिंग पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर इसमें कुछ है तो देश को पता चलना चाहिए कि इसमें कौन लोग शामिल हैं.
अमेरिकी संस्था USAID के भारत में चुनाव प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर भेजे जाने की जानकारी सामने आने के बाद से घमासान मचा है. भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप में लगे हैं. वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस पूरे मामले को परेशान करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी और एजेंसी मामले की छानबीन कर रही है. USAID फंडिंग मामले पर अब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भी इस पर चिंता जताई है.
देश को पता चलना चाहिए कि इसमें कौन लोग शामिल हैंः एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “USAID को भारत में अच्छे इरादों के साथ सद्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए अनुमति दी गई थी. लेकिन अब अमेरिकी ट्रंप प्रशासन द्वारा बताया गया कि USAID की गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण हैं. यह चिंताजनक है. एस जयशंकर ने आगे कहा कि अगर इसमें कुछ है तो देश को पता चलना चाहिए कि इसमें कौन लोग शामिल हैं.”
सरकार अमेरिकी फंडिंग की कर रही जांचः एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार अमेरिकी एजेंसी USAID द्वारा भारत में वोटर टर्नआउट को प्रभावित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग की खबरों की आंतरिक समीक्षा कर रही है. उल्लेखनीय हो कि USAID फंडिंग का यह मामला तब सामने आया जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) द्वारा रद्द की गई विदेशी मददों की सूची में 21 मिलियन डॉलर का उल्लेख किया, जो भारत में वोटर टर्नआउट के लिए आवंटित किया गया था.
एस जयशंकर ने कहा, “अब मैं पढ़ता हूं कि अमेरिकी एजेंसी USAID के साथ काम करने वाले कुछ लोगों के नाम लिए जा रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि सवाल यह नहीं है कि आप USAID के साथ काम करते हैं या नहीं.”
#WATCH | Delhi: On USAID, EAM S Jaishankar says, “…Some information has been put out there by the Trump administration people, and obviously, that is concerning… I think, as a government, we’re looking into it. My sense is that the facts will come out…USAID was allowed here… pic.twitter.com/UZT5aimfXX
— ANI (@ANI) February 22, 2025
भाजपा का कांग्रेस पर लगातार हमला
मालूम हो कि USAID फंडिंग को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी विदेशी फंडिंग पर श्वेत पत्र की मांग की है. भाजपा का आरोप है कि यह पैसा भारत में “डीप स्टेट राज्य के एजेंटों” को बनाए रखने के लिए उपयोग किया गया था. राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी गुरुवार को अमेरिकी सरकार द्वारा 21 मिलियन डॉलर के आवंटन पर अपने सवालों को दोहराया, इसे “किकबैक स्कीम” करार दिया था.
ईडी और अन्य एजेंसियां कर रहीं जांच
दूसरी ओर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय और अन्य सुरक्षा और वित्तीय एजेंसियों ने भारतीय संस्थाओं और व्यक्तियों की पहचान करनी शुरू कर दी है, जिन्होंने USAID के 21 मिलियन डॉलर को वोटर टर्नआउट को प्रभावित करने के लिए मध्यस्थ के रूप में काम किया था. इसमें एनजीओ, सामाजिक कार्यकर्ता, मीडिया फर्म सहित कई व्यवसायिक संस्थाएं कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों के उल्लंघन में की जांच के दायरे में हैं.
यह भी पढ़ें –ट्रंप ने भारत के वोटर टर्नआउट फंड पर फिर उठाए सवाल, BJP ने की ‘डीप स्टेट’ जांच की मांग
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