MiG 29 Crash : मिग 29 विमान का हादसा भारतीय वायुसेना के लिए एक झटके की तरह है. यह 1987 से भारत की सेवा कर रहा है. जानिए क्यों है ये भारत के लिए खास…
MiG 29 Crash : राजस्थान के बाड़मेर में एक फाइटर प्लेन क्रैश हुआ है. बताया जा रहा है कि ओलानियोक की ढाणी के पास प्लेन क्रैश होने की सूचना मिली है. सूचना मिलने के बाद नागाणा थाना पुलिस मौके पर रवाना हुई है. दुर्घटनाग्रस्त फाइटर प्लेन मिग 29 है. अच्छी बात यह है कि इसके पायलट सुरक्षित हैं. आपको बता दें कि मिग 29 विमान भारत के महत्वपूर्ण विमानों में से एक है. वायुसेना ने बताया कि बाड़मेर में नियमित रात्रि प्रशिक्षण मिशन के दौरान मिग-29 जेट विमान में गंभीर तकनीकी खराबी आ गई थी. वायुसेना ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
During a routine night training mission in Barmer sector, an IAF MiG-29 encountered a critical technical snag, forcing the pilot to eject. The pilot is safe and no loss of life or property was reported. A Court of Inquiry has been ordered.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) September 2, 2024
Another crash this time IAF’s MIG-29 in Barmer, Rajasthan.
Pilot is safe, and no damage reported on the ground. More details to follow. pic.twitter.com/5hkXpUt9lY
— Defence Core (@Defencecore) September 2, 2024
कब से है भारत में?
मिग 29 भारतीय वायुसेना की सेवा में 1987 से यानी लगभग 36 साल से है. भारत ने यह विमान सोवियत संघ से खरीदा था. इस विमान को लगातार अपडेट किया जाता रहा है. विमान के मूल ढांचे को छोड़कर लगभग सब कुछ बदला जा चुका है. इसमें नया कॉकपिट, नया राडार और नया ईंधन टैंक है. नया इलेक्ट्रॉनिक वाॅरफेयर सूट है. इसमें रात को देख सकने लायक उपकरण भी नए लगाए गए हैं. इसमें अब उड़ान के दौरान ईंधन भरे जाने की व्यवस्था भी है.
श्रीनगर एयरबेस पर भी तैनात
नई मिसाइलें लगाकर इसे बिल्कुल आधुनिक रूप दे दिया गया है. वीबीआर यानि बियोंड विजुअल रेंज वाली मिसाइल से लैस होकर ये और भी खतरनाक हो गया है. मिग 29 की बढ़ी हुई क्षमता का ही नतीजा है कि इसे श्रीनगर एयरबेस पर भी तैनात किया गया है. पाकिस्तान के साथ-साथ लद्दाख में भी ये चीन को चुनौती देता है. ऐसे में इसमें हादसा होना बेहद गंभीर बात है.
खासियतों से है भरपूर
मिग 29 में बड़ी तेजी से हमला करने की क्षमता है. ये बाज की तरह झपट्टा मारता है और मात्र 6 मिनट में यह जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हो सकता है. यह अलग-अलग भूमिकाएं निभाने वाला विमान है. यह निगरानी भी कर सकता है और हमला भी. करगिल युद्ध के दौरान इस विमान ने काफी अहम भूमिका अदा की थी. बालाकोट के समय भी आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक में मिग 29 का रोल भी महत्वपूर्ण रहा था. इस विमान में दो इंजन लगे हैं. आकार छोटा है, लेकिन बेहद फुर्तीला है. ये चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. यह जरूरत पड़ने पर यह करीब 2500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. वायु सेवा का यह भरोसेमंद विमान भारतीय सरहदों की सुरक्षा का मजबूत स्तंभ है.
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