Who Is Baba Siddique: कौन हैं बाबा सिद्दीकी, जिन्होंने कुछ इस तरह सलमान खान और शाहरुख खान की करवाई थी दोस्ती​

 बीती रात बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर मुंबई में हत्या कर दी गई, जिस खबर ने फैंस ही नहीं बल्कि बॉलीवुड इंडस्ट्री को सदमे में ला दिया. वहीं उनसे लीलावती अस्पताल में मिलने वालों की लिस्ट में सलमान खान ऐसे शख्स थे, जो जान का खतरा होते हुए भी उनके पास पहुंचे.

बीती रात बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर मुंबई में हत्या कर दी गई, जिस खबर ने फैंस ही नहीं बल्कि बॉलीवुड इंडस्ट्री को सदमे में ला दिया. वहीं उनसे लीलावती अस्पताल में मिलने वालों की लिस्ट में सलमान खान ऐसे शख्स थे, जो जान का खतरा होते हुए भी उनके पास पहुंचे. जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि बाबा सिद्दीकी एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री हैं, जिन्होंने शाहरुख खान और सलमान खान की दुश्मनी को साल 2013 में खत्म किया था. बाबा सिद्दीकी हर साल ग्रैंड इफ्तार पार्टी के लिए भी जाने जाते हैं.

इन्हीं में से एक साल 2013 में हुई पार्टी में उन्होंने बॉलीवुड के दो खान की दोस्ती करवाई थी. दरअसल, साल 2008 में कटरीना कैफ की बर्थडे पार्टी से शुरू हुई सलमान खान और शाहरुख खान की दोस्ती को करीब पांच साल बाद एक इफ्तार पार्टी में खत्म करवाया था. 

बाबा सिद्दीकी  ने 17 अप्रेल 2013 में रखी इफ्तार पार्टी में जानबूझकर शाहरुख खान की सीट के साथ सलमान खान के पिता सलीम खान की सीट रखी. ताकि दोनों आमने सामने आएं. वहीं ऐसा हुआ भी और जब दोनों सामने आए तो एक दूसरे से मिले और गले भी लगाया, जिसकी वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. इसी के साथ दोनों की कई सालों तक चली दुश्मनी खत्म हो गई. 

गौरतलब है कि बाबा सिद्दीकी की इफ्तार पार्टी लेजेंड्री मानी जाती है, जिसमें बॉलीवुड सेलेब्स और राजनीति की दुनिया के लोग एक साथ नजर आते हैं. इसमें संजय दत्त, शिल्पा शेट्टी से लेकर शाहरुख खान-सलमान खान का नाम शामिल है. 

बता दें कि बाबा सिद्दीकी  ने अपने पॉलिटिकल करियर में लगातार तीन बार बांद्रा पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और FDA राज्य मंत्री के पद पर रहे. वह एक्टर से नेता बने सुपरस्टार सुनील दत्त के करीबी सहयोगी थे, जिन्होंने 1999 में उन्हें अपना पहला कांग्रेस टिकट हासिल करने में मदद की थी.

इसके बाद लगभग 50 साल तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद, वह इस साल फरवरी में शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस से मतभेद के बाद अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए थे, जो काफी चर्चा में रहा. 

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