September 19, 2024
Yasin Malik

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अलगाववादी नेता Yasin Malik को उम्र कैद, बोला-आतंकवादी साबित हुआ तो फांसी पर लटका दो

कोर्ट ने माना कि यासीन मलिक ने कश्मीर की आजादी के नाम पर घाटी में आतंकवाद और दूसरी गैरकानूनी गतिविधियां फैलाने के लिए फंडिंग की।

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को पटियााला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। एनआईए कोर्ट ने 19 मई को ही यूएपीए के तहत यासीन को दोषी करार दिया था। यासीन मलिक को दो मामलों में उम्रकैद के साथ ही कुल 9 धाराओं के तहत सजा सुनाई गई है। इसमें 10 साल की जेल के साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। मलिक की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। बुधवार को कोर्ट के फैसले से पहले यासीन मलिक (Yasin Malik) ने कहा- अगर मैं किसी भी तरह की आतंकी गतिविधि में शामिल रहा हूं और एजेंसी ये साबित करती है तो मैं पॉलिटिक्स से संन्यास ले लूंगा। मुझे फांसी की सजा भी मंजूर होगी। मेरी किस्मत का फैसला मैं कोर्ट पर छोड़ता हूं।

जानिए किन आरोपों की सजा हुई यासीन मलिक को

एनआईए कोर्ट के विशेष जज ने यासीन मलिक (Yasin Malik) पर आईपीसी की धारा 120 बी के तहत 10 साल जेल, 10 हजार रुपए जुर्माना, जबकि धारा 121 के तहत उम्रकैद और 10 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा आईपीसी की धारा 121ए के तहत 10 साल की जेल और 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इसके अलावा UAPA की धारा 17 के तहत उम्रकैद और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। UAPA की धारा 13 के तहत 5 साल की कैद, UAPA की धारा 15 के तहत 10 साल की सजा, UAPA की धारा 18 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA 20 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 के तहत 1 साल की सजा और 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

मई, 2017 में एनआई ने दर्ज किया था केस

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कोर्ट में कहा था कि यासीन मलिक (Yasin Malik) ने आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के समर्थन से जम्मू-कश्मीर के लोगों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में हिंसा फैलाने का काम किया। वहीं कोर्ट ने माना कि यासीन मलिक ने कश्मीर की आजादी के नाम पर घाटी में आतंकवाद और दूसरी गैरकानूनी गतिविधियां फैलाने के लिए फंडिंग की। यासीन मलिक के खिलाफ NIA ने 30 मई, 2017 को केस दर्ज किया था। इस मामले में यासीन के अलावा और भी कई आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

मलिक पर हैं कई गंभीर आरोप

यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए थे। इनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 16 (टेररिस्ट एक्ट), धारा 17 (टेररिस्ट एक्ट के लिए फंडिंग करना), धारा 18 (टेररिस्ट एक्ट की साजिश रचना) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह का मेंबर होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) भी शामिल थी।

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