Women Wrestlers Sexual harassment case: बृजभूषण शरण सिंह के खास संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुने जाने के बाद खिलाड़ियों में रोष है। बीजेपी सांसद के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों के समर्थन में आंदोलन कर रहे पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। साक्षी मलिक के खेल से सन्यास और बजरंग पूनिया के पद्मश्री सम्मान लौटाने के बाद अब गूंगा पहलवान ने बड़ा ऐलान किया है। गूंगा पहलवान ने भी अपना पद्मश्री लौटाने की घोषणा की है।
गूंगा पहलवान के नाम से फेमस पहलवान वीरेंद्र सिंह ने साक्षी मलिक का समर्थन किया है। उन्होंने ट्वीट कर पद्मश्री लौटाने का ऐलान करते हुए उसे सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा को भी टैग किया है। गूंगा पहलवान ने ट्वीट किया: मैं अपनी बहन और देश की बेटी के लिए पद्मश्री भी लौटा दूंगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी, मुझे आपकी बेटी और मेरी बहन साक्षी मलिक पर गर्व है लेकिन मैं देश के शीर्ष खिलाड़ियों से भी अनुरोध करूंगा कि वे अपना निर्णय भी दें। वीरेंद्र सिंह जो खुद को ‘गूंगा पहलवान’ के रूप में पहचाने जाते हैं, ने एक्स पर इस पोस्ट में सचिन तेंदुलकर और नीरज चोपड़ा को टैग भी किया है।
पहले बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्मश्री
एक दिन पहले यानी शुक्रवार को बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटाने का निर्णय लिया था। बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री, नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ, जहां पीएम आवास स्थित है, पर छोड़ दिया था। पूनिया ने एक लेटर भी पीएम मोदी को इस संबंध में लिखा है। हालांकि, बजरंग पूनिया द्वारा पद्मश्री लौटाए जाने और उसे कर्तव्य पथ पर छोड़े जाने के बाद पुलिस ने उसे अपने कब्जे में ले लिया है। दरअसल, शुक्रवार को पूनिया ने ट्वीटर पर ऐलान के बाद शाम को दिल्ली के कर्तव्य पथ पहुंचे और वहां एक फुटपाथ पर अपना पद्मश्री छोड़ दिया।
क्या कहा था बजरंग पूनिया ने?
बजरंग पूनिया ने कहा कि जब महिला पहलवानों को उचित सम्मान नहीं दिया जाता है तो मैं भी इस सम्मान की हकदार नहीं हूं। हम 40 दिनों से सड़क पर थे लेकिन सरकार ने जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए। हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि एक व्यक्ति के खिलाफ है। मैं न्यायपालिका में विश्वास करता हूं लेकिन जो कुछ हो रहा है, मैं सिस्टम में विश्वास नहीं रख सकता।
विजेंदर सिंह भी आए समर्थन में
ओलंपिक में मेडल जीतने वाले बॉक्सर विजेंदर सिंह ने भी साक्षी मलिक का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि बेटियों के माता-पिता चिंतित होंगे कि अगर ओलंपिक पदक विजेता को न्याय नहीं मिला तो हमें कैसे मिलेगा? पीएम, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति सभी को आकर जवाब देना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ। इससे न्याय प्रणाली और लोकतांत्रिक ढांचे पर कई सवाल खड़े होते हैं।
क्यों पहलवान और खिलाड़ी अचानक हुए मुखर
दरअसल, बीते साल महिला पहलवानों ने तत्कालीन भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। करीब 40 दिनों तक चले इस आंदोलन के दौरान बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर केस दर्ज हुआ था लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं हो सकी थी। हालांकि, कोर्ट की सख्ती के बाद जांच शुरू हो सकी लेकिन इसी बीच पहलवानों को धरनास्थल से जबरिया हटा दिया गया। पूरे देश में पहलवानों के प्रति सहानुभूति देखने के बाद पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने जांच का आश्वासन दिया था।
उधर, गुरुवार को भारतीय कुश्ती महासंघ के हुए चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के खास संजय सिंह अध्यक्ष निर्वाचित हो गए। इस चुनाव से आहत आंदोलनकारी पहलवानों में निराशा है। चुनाव रिजल्ट आने के बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने रोते हुए सन्यास का ऐलान कर दिया। राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने आरोप लगाया कि संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई का नेतृत्व करने पर महिला पहलवानों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ता रहेगा।
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