महान कूटनीतिक चाण्यक्य भी कहा करते रहे कि देश की दिशा तय करने से पहले शिक्षा नीति तय करनी जरूरी होती है क्योंकि बाल मन को जो शिक्षा दी जाएगी उसी से तो देश की दिशा तय होगी।
शायद इसी सोच के साथ हमारे पूर्वजों, विभूतियों, आजादी के दिवानों ने देश की शिक्षा की दिशा तय करने का कुछ पैमाना बनाया।