October 6, 2024

Former Vice Chancellor Prof Ashok Kumar on High education

भविष्य में इन मस्तिष्कों का अध्ययन प्राचीन लोगों के जीवन और स्वास्थ्य के बारे में और भी अधिक जानकारी प्रदान करेगा।

‘रघुपति रीत सदा चली आई’ की भान्ति नकल की रीत भी बरसों से चली आ रही है। यह न रूकी है और न इसके रूकने की कोई संभावना है।

देश में अगर सबकी पहुंच के लिए शिक्षा को आसान करना है तो उसकी जड़ों में बैठी समस्याओं को पहचानकर उसका निदान करना होगा।

शिक्षा की दुर्दशा का एक किस्सा, संस्मरण के रूप में सुना रहे हैं पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार।

Prof Ashok Kumar ने अपने यूनिवर्सिटी के शुरूआती दिनों के संस्मरण को बेहद रोचक ढंग से बताया।

प्रो.अशोक कुमार, जाने-माने शिक्षाविद् हैं। वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय के अलावा राजस्थान के वैदिक एवं निर्वाण विश्वविद्यालयों मे कुलपति रह चुके हैं। उच्च शिक्षा के हालात पर लगातार लिखते रहते हैं।

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