भविष्य में इन मस्तिष्कों का अध्ययन प्राचीन लोगों के जीवन और स्वास्थ्य के बारे में और भी अधिक जानकारी प्रदान करेगा।
Former Vice Chancellor Prof Ashok Kumar on High education
‘रघुपति रीत सदा चली आई’ की भान्ति नकल की रीत भी बरसों से चली आ रही है। यह न रूकी है और न इसके रूकने की कोई संभावना है।
देश में अगर सबकी पहुंच के लिए शिक्षा को आसान करना है तो उसकी जड़ों में बैठी समस्याओं को पहचानकर उसका निदान करना होगा।
प्रो.अशोक कुमार कैंसर के लक्षण, बचाव और जागरूकता के बारे बता रहे हैं।
शिक्षा की दुर्दशा का एक किस्सा, संस्मरण के रूप में सुना रहे हैं पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार।
NEP 2020 Two subjects PhD degree at a time यदि आप पीएचडी (PhD) करने पर विचार कर रहे हैं तो कुछ बातें ध्यान में रखनी होंगी।
Prof Ashok Kumar ने अपने यूनिवर्सिटी के शुरूआती दिनों के संस्मरण को बेहद रोचक ढंग से बताया।
प्रो.अशोक कुमार, जाने-माने शिक्षाविद् हैं। वह दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, कानपुर विश्वविद्यालय के अलावा राजस्थान के वैदिक एवं निर्वाण विश्वविद्यालयों मे कुलपति रह चुके हैं। उच्च शिक्षा के हालात पर लगातार लिखते रहते हैं।