अधिक मास 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहेगा और इस पूरे महीने में व्रत-उपवास और पूजा-पाठ किए जाएंगे।
Lord Shiva
Panchkoshi Yatra यात्रा के दौरान बीच में पड़ने वाले पांच पड़ावों पर ही विश्राम की परंपरा है। इन पांच पड़ावों की परंपरागत विश्राम के साथ यात्रा पूर्ण होती है।
भगवान शिव का गंगा जल, दूध, दही, शहद, शक्कर, सफेद फूल, धतूरा, मदार, गन्ने का रस, शमी और बेलपत्र से अभिषेक करना चाहिए इससे सभी परेशानिया खत्म होती है