भगवान शंकर की रजत मूर्ति को धारण कराया जाने वाला सेहरा सूखे मेवों से तैयार कराया गया है। माता गौरा के लिए गुजरात का गुलाबी लहंगा खासतौर से मंगाया गया है। बहुरंगी रेशमी धागों से की लहंगे पर कढ़ाई की गई है।
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शिव दुल्हा के माथे पर सोहे चनरमा…’,‘अड़भंगी क चोला उतार शिव दुल्हा बना जिम्मेदार’, आदि हल्दी के पारंपरिक शिवगीतों में दुल्हे की खूबियों का बखान किया गया।