न कहीं और घर, न जमीन, आखिर वनटांगिया लोग जाते कहां। उन्होंने जंगल से निकलने को मना कर दिया जिस वन विभाग की तरफ से फायरिंग कर दी गई। इस घटना में परदेशी और पांचू नाम के वनटांगियों को जान गंवानी पड़ी जबकि 28 लोग घायल ही गए।
न कहीं और घर, न जमीन, आखिर वनटांगिया लोग जाते कहां। उन्होंने जंगल से निकलने को मना कर दिया जिस वन विभाग की तरफ से फायरिंग कर दी गई। इस घटना में परदेशी और पांचू नाम के वनटांगियों को जान गंवानी पड़ी जबकि 28 लोग घायल ही गए।