Gandhi Prace Prize 2021: गांधी शांति पुरस्कार 2021 की घोषणा कर दी गई है। धार्मिक पुस्तकों को प्रकाशित करने वाली दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी पीस प्राइज देने का फैसला लिया गया है। महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वालों को हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है। 1995 में भारत सरकार ने इसकी शुरूआत की थी।
गांधी शांति पुरस्कार महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित आदर्शों को आगे लेकर जाने वालों को दिया जाता है। राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि के रूप में 1995 में भारत सरकार द्वारा इस पुरस्कार का ऐलान किया गया था। यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग की परवाह किए बिना सभी व्यक्तियों के लिए खुला है।
एक करोड़ रुपया, प्रशस्ति पत्र आदि दिया जाता
गांधी शांति पुरस्कार पाने वालों को एक करोड़ रुपये, एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक उत्कृष्ट पारंपरिक हस्तकला / हथकरघा आइटम दिया जाता है।
किसको किसको मिल चुका है शांति पुरस्कार
गांधी शांति पुरस्कार पूर्व में भी कई संस्थानों को मिल चुका है। इसरो, रामकृष्ण मिशन, ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, अक्षय पात्र बेंगलुरू, एकल अभियान ट्रस्ट भारत, सुलभ नई दिल्ली के अलावा दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. नेल्सन मंडेला, तंजानिया पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरेरे, श्रीलंका में सर्वोदय श्रमदान आंदोलन के डॉ.एटी अरियारत्ने, जर्मनी के डॉ गेरहार्ड फिशर,बाबा आमटे, आयरलैंड के डॉ जॉन ह्यूम, चेकोस्लोवाकिया के पूर्व राष्ट्रपति वाक्लाव हवेल, दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू, चंडी प्रसाद भट्ट और जापान के योही ससाकावा को गांधी शांति सम्मान मिल चुका है। 2019 में गांधी शांति पुरस्कार ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद अल सईद और 2020 का सम्मान बांग्लादेश में बंगबंधु के नाम से प्रसिद्ध शेख मुजीबुर रहमान को मिला।