Ghosi Assembly Byelection Result: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की ‘घोसी विधानसभा सीट’ को लेकर देश के सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं। यूपी की इस सीट पर एनडीए और इंडिया गठबंधन की नजरें टिकी हुई थीं। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले यूपी में INDIA v/s NDA का यह पहला मुकाबला था। यहां 5 सितंबर को उपचुनाव के लिए वोट डाले गए। घोसी विधानसभा के उपचुनाव में सत्ताधारी पक्ष के दारा सिंह चौहान को करारी हार की ओर है। समाजवादी पार्टी के सुधाकर सिंह का जीत लगभग तय है। माना जा रहा है कि यह परिणाम एनडीए व विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन का भविष्य तय करेगा।
बीजेपी ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया
घोसी से भाजपा ने दारा सिंह चौहान, तो सपा ने सुधाकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। दारा सिंह 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा छोड़कर सपा में चले गए थे। वे सपा के टिकट पर चुनाव जीते भी, मगर 15 महीने बाद जैसे ही यूपी में योगी की फिर सरकार बनी, वे लौट आए। सपा विधायक के रूप में इस्तीफा देने के बाद वह उपचुनाव में बतौर बीजेपी प्रत्याशी के रूप में उतरे। बीजेपी ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। बीजेपी प्रत्याशी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा तो की ही दोनों डिप्टी सीएम के अलावा कई मंत्री और विधायक यहां कैंप किए थे।
ओम प्रकाश राजभर भी पूरे चुनाव जमे रहे
बीजेपी के गठबंधन दल के नेताओं ने भी उपचुनाव में कैंप किया था। निषाद पार्टी के संजय निषाद, अपना दल अनुप्रिया पटेल की पार्टी के नेता सहित अन्य गठबंधन दल भी यहां लगातार बने हुए थे। ओम प्रकाश राजभर तो चुनाव की कमान ही संभाल रखे थे।
सपा की ओर से शिवपाल यादव ने संभाली थी कमान
समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा था। सुधाकर सिंह के लिए सपा महासचिव शिवपाल यादव ने कमान संभाली थी। अखिलेश यादव भी यहां जनसभा किए थे। सपा के प्रमुख नेता यहां शिवपाल यादव के नेतृत्व में क्षेत्र में जमे हुए थे।
घोसी उपचुनाव रिजल्ट, कितने प्रतिशत वोटिंग हुई थी?
घोसी उप चुनाव में 10 प्रत्याशी मैदान में थे। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा के दारा सिंह और सपा के सुधाकर सिंह के बीच ही रहा। 5 सितंबर को हुई वोटिंग में 50.30% मतदान हुआ था। यह पिछले चुनाव की तुलना में 8% कम रहा। काउंटिंग के लिए 14 टेबल बनाए गए थे। 19 टीमों को 32 राउंड काउंटिंग की व्यवस्था में लगाया गया था।
Ghosi By Election 2023: दारा सिंह चुनाव और सुधाकर सिंह की चुनावी लड़ाई
घोसी उपचुनाव के नतीजे देश की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण हैं, ये अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले यूपी के ‘पूर्वांचल’ में लोगों के रुझान का संकेत माने जा सकते हैं।
दरअसल, यूपी से लोकसभा को 80 सांसद जाते हैं, इसलिए इसे घोसी सीट पक्ष और विपक्ष दोनों पार्टियों के लिए नाक का सवाल बनी रही। घोसी में यादव और मुस्लिम समुदायों के अलावा राजपूतों, भूमिहारों का वर्चस्व है। यहां 5 सितंबर का हुए उपचुनाव में 50% वोटिंग हुई थी।
Ghosi By Election 2023: बसपा ने नहीं लड़ा था चुनाव
घोसी उपचुनाव में बसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, इसलिए मुकाबला सीधे भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच रहा। भाजपा को जातीय राजनीति में खास दखल रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, निषाद पार्टी और अपना दल (औनप्रिया) का समर्थन प्राप्त था।
उधर, सपा को कांग्रेस, वाम दलों और एसबीएसपी से अलग हुए गुट सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी ने सपोर्ट किया था।
घोसी विधानसभा सीट पर 6 साल में चौथी बार 5 सितंबर को उप चुनाव हुआ था। इससे पहले 2019 में चुनाव हुआ था। जहां तक भाजपा की बात है, 2017 से 2022 के बीच तीन चुनाव में भाजपा दो बार जीती है। इस बार सीधा मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच रहा।
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