July 7, 2024

जवान को आना था छुट्टी पर घर, आया तिरंगा में लिपटकर

शहीद जवान चंद्रबदन 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे। तभी से जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनाती थी। शनिवार की भोर में अखनूर सेक्टर के चिनाब नदी के किनारे आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में गोलियां लगने से वह बुरी तरह जख्मी हो गए।

महराजगंज। पाकिस्तान की गोलीबारी में अखनूर सेक्टर में उत्तर प्रदेश के एक लाल की शहादत हुई है। महराजगंज के सिसवनिया स्थित जवान के गांव में शनिवार से ही शोक की लहर है। शहीद जवान के पिता ने अपने बेटे की बहादुरी पर गर्व किया है।
सिसवनियां गांव के शहीद चंद्रबदन शर्मा (24) के पिता भोला शर्मा गुजरात में रहकर काम करते हैं।

परिवार में सबसे बड़े थे चंद्रबदन

शहीद चंद्रबंदन परिवार में सबसे बड़े थे। उनका छोटा भाई विमल शर्मा प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में है और बहन काजल गोरखपुर में रहकर तैयारी करती है।
शहीद चंद्रबदन की मां का निधन वर्ष 2000 में हुआ था। मां के देहांत के बाद चंद्रबदन अपने भाई बहन की बेहतर परवरिश के लिए काफी ध्यान रखते थे। अभी उनकी शादी नहीं हुई थी।

चिनाब नदी के पास गोलीबारी में शहीद

शहीद जवान चंद्रबदन 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे। तभी से जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में तैनाती थी। शनिवार की भोर में अखनूर सेक्टर के चिनाब नदी के किनारे आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में गोलियां लगने से वह बुरी तरह जख्मी हो गए। इलाज के लिए ले जाते समय दम तोड़ दिया। अखनूर सेक्टर के आर्मी कर्नल ने शनिवार की सुबह सिसवनिया गांव के प्रधान प्रतिनिधि सुदामा को इसकी जानकारी दी। प्रधान ने जवान के शहादत की खबर उनके घरवालों को दी तो कोहराम मच गया। शहीद के दरवाजे पर भीड़ जमा हो गई।

एक महीना की छुट्टी पर आना था

शहीद चंद्रबदन ने घर आने के लिए छुट्टी ले रखी थी। 10 फरवरी को उनकी छुट्टी एक माह के लिए स्वीकृत थी। उन्होंने फोन से अपने भाई एवं बहन को इसकी जानकारी दी थी लेकिन किसी को यह पता नहीं था कि वह स्वयं नहीं तिरंगे में लिपटकर आएंगे। उनके घर आने से पहले ही शहीद होने का संदेश आ गया।
शहीद चंद्रबदन शर्मा की दादी रामरति देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह कह रही थी कि बाबू 10 फरवरी को आने वाले थे। यह कहकर रोते हुए बेहोश हो गई। यही हाल शहीद की बुआ श्रीपति देवी का है।

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