Bhikhari Thakur Jayanti: पद्मश्री भिखारी ठाकुर की मनाई गई 137वीं जयंती

Bhikhari Thakur Jayanti: भोजपुरी के शेक्सपीयर’ कहे जानेवाले महान कवि, गीतकार एवं नाटककार भिखारी ठाकुर बहुआयामी प्रतिभा के धनी रहे। प्रसिद्ध लोक नाट्य शैली ‘विदेशिया’ के जनक, रंगकर्म के माध्यम से महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर ने जन में जनचेतना जागृत की। उन्होंने सामाजिक समस्याओं और मुद्दों पर बोल-चाल की भाषा में गीतों की रचना की। उसे गाया और मंच पर जीवंत किया। भिखारी ठाकुर पर वरिष्ठ लेखक संजीव ने एक उपन्यास ‘सूत्रधार’ की रचना भी की है। भिखारी ठाकुर को महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने ‘भोजपुरी का शेक्सपीयर’ कहा था।

ऑल इंडिया महापद्मनंद कम्युनिटी एजुकेटेड एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के मीडिया प्रभारी विनय कुमार शर्मा ने यह बातें कहीं। वह,संगठन के जिला इकाई द्वारा गंगानगर स्थित मां लक्ष्मी गेस्ट हाउस में आयोजित पद्मश्री भिखारी ठाकुर की 137वीं जयंती के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।

भोजपुरिया माटी की शान थे भिखारी ठाकुर

उन्होंने आगे कहा कि भिखारी ठाकुर भोजपुरिया माटी की शान हैं। उन्होंने कहा कि भिखारी ठाकुर विरह वेदना, बेटी विदाई और सामाजिक समस्याओं के ताने-बाने को लोक संगीत में पिरो देते थे। उनकी खासियत ये थी कि वे हमेशा सामाजिक मुद्दों में अपना संगीत ढूंढ़ते थे।

जनगायक के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला

पूर्व जिला संरक्षक नकछेद नंद ने भिखारी ठाकुर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि भिखारी ठाकुर ने प्रचलित नाटकों से अलग स्वयं नाटक लिखे, जिसे वे ‘नाच’ या ‘तमासा’ कहते थे, जिनमें समाज के तलछट के लोगों के सुख-दुख, आशा-आकांक्षा का चित्रण होता था।

कार्यक्रम को श्रीभागवत नंद, गब्बर शर्मा, राजेश शर्मा आदि ने भी संबोधित किया। संचालन आरडी नंद व धन्यवाद ज्ञापित बचऊ नंद ने किया।

इस अवसर पर बैजनाथ शर्मा, साधुसरन शर्मा, रामकरन नंद, अभिषेक शर्मा, अशोक शर्मा, रामाश्रय शर्मा, उमेश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, रामप्रीत शर्मा,संगम शर्मा, विवेक शर्मा आदि उपस्थित रहे।